क्या कभी आपने खामोशी की आवाज सुनी है? किसी जंगल, नदी या हरियाले मैदान के बीच आंखें बंद करके बैठे हैं, जहां सिर्फ हवा की सांय-सांय ही सुनी जा सकती हो। अगर इनमें से कुछ नहीं किया हो तब भी किसी कम भीड़-भाड़ वाली जगह पर गाड़ी के शीशे चढ़ाकर उस शांति का अहसास किया है, जोकि आपके कानों में मौन का ऐसा रस घोलती है कि आप सुकुन की दौलत पा जाते हैं।