Hindi English Wednesday, 24 April 2024
BREAKING
‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर निरंकारी मिशन द्वारा 296 युनिट रक्त दान किया गया  अतिरिक्त उपायुक्त ने आम चुनाव-2024 की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक पंचकूला की तीनों मंडियों में 27120 मीट्रिक टन गेहूं व 636 मीट्रिक टन सरसों की हुई खरीद जिला प्रशासन हीट वेव की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार-उपायुक्त यश गर्ग जिला बाल कल्याण परिषद पंचकूला के बाल पुस्तकालय में विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण में अनुपस्थित 326 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुये पंजाबी सैनिकों की स्मृति में बेलज्यिंस द्वारा अखंड पाठ को होगा आयोजन डॉ सविता नेहरा की अध्यक्षता में अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में बैठक का आयोजन विश्व पार्किंसंस दिवस पर वॉकथॉन का किया आयोजन ज्ञानवर्धक जेम्स ऑफ विज्डम पुस्तक का हुआ विमोचन

फीचर्स

More News

सर्दी-जुकाम से बढ़ा ब्रेन फीवर का खतरा

Updated on Monday, December 14, 2015 12:51 PM IST

नई दिल्ली - बीते एक सप्ताह में सर्द हुए मौसम ने नौनिहालों की मुसीबत बढ़ा दी है। स्थिति यह है कि बीते दो सप्ताह में शहर के निजी अस्पतालों में सर्दी- जुकाम से पीड़ित बाल मरीजों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें निमोनिया के साथ-साथ मैनिनजाइटिस यानि ब्रेन फीवर के मरीज भी शामिल हैं। पिछले दो सप्ताह में शहर में ठंडी हवाओं का असर बढ़ा है।

 

इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर दिखाई दे रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, बीते 15 दिन में सर्दी-जुकाम के साथ -साथ निमोनिया पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है। शहर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश मिश्रा कहते हैं कि आमतौर पर लोग सर्दी-जुकाम को कोई बीमारी ही नहीं समझते हैं। वे बच्चों का घरेलू उपचार करते रहते हैं जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तब डॉक्टर के पास आते हैं। तब तक बच्चे का साधारण सा सर्दी-जुकाम निमोनिया में बदल जाता है। इतना ही नहीं, कई बार तो यह निमोनिया मैनिनजाइटिस में तब्दील हो जाता है।

 

हमारे पास पिछले 15 दिन में 20 निमोनिया और दो मैनिनजाइटिस के मरीज आ चुके हैं। अस्पताल की ओपीडी में भी हर रोज 15 से 20 बच्चे पहुंच रहे हैं। बीते दो सप्ताह में अस्पताल में सर्दी- जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ी हैं। बाल विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन ऐसे 45-50 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से 5 से 10 फीसदी मरीजों की स्थिति गंभीर होती है और इन्हें भर्ती करना पड़ता है। 

Have something to say? Post your comment
X