राष्ट्रीयकृत और सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में कैरियर निर्माण वेतन और कार्य की प्रकृति दोनों दृष्टिकोणों से प्रतिष्ठापूर्ण है । इन दिनों चाहे बैंकों में क्लर्क के पदों के लिए रिक्ति्याँ यदा-कदा देखने को मिल रही हैं, लेकिन बैंक प्रोबेशनरी अधिकारियों के पद आए दिन बड़ी संप्या में विज्ञापित किए जा रहे हैं । यही कारण है कि बैंक अधिकारी बनने के लिए पहले की तुलना में अधिक संप्या में युवाओं का आकर्षण बढ़ता जा रहा है । निश्चित रूप से बैंक अधिकारी पद पर भर्ती अच्छे कैरियर का अवसर प्रदान करती हैं । अपने अनुभव और कार्य कौशल से अधिकारी शीर्ष प्रबंधन के स्तर तक पहुँच सकता है । ऐसा सपना सच करने के लिए सही मार्गदर्शन और जागरुकता की आवश्कयता होती है । उम्र और शैक्षणिक योग्यता- सार्वजनिक और राष्ट्रीयकृत बैंकों में प्रोबेशनरी ऑफिसर पद के लिए २१ से ३० वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित है । न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक डिग्री है । बी.ए., बी. काम. और बी.एससी. के अलावा प्रबंध, कृषि और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट भी बड़ी संप्या में बैंक अधिकारी परीक्षा में शामिल होते हैं । इन पदों के लिए रोजगार समाचार और अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञापन आते रहते हैं । यह उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न बैंकों के द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुरूप बैंक प्रोबेशनरी आफिसरों के पद विज्ञापित किए जाते हैं । सभी बैंकों में इस वर्ग के लिए जो परीक्षा आयोजित की जाती है वह लगभग एक ही प्रकार की होती है । परीक्षा एवं चयन प्रक्रिया- बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसर परीक्षा एवं चयन प्रक्रिया के दो चरण होते हैं- पहले चरण में अदयर्थियों को एक वस्तुपरक लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाता है । प्रश्न-पत्र हिंदी और अंग्रेजी में होते हैं । इस स्टेज की लिखित परीक्षा में तर्कसंगतता परीक्षा , संप्यात्मक अभिवृइिा, सामान्य सचेतता तथा अंग्रेजी भाषा समलित किए गए हैं । प्रथम चरण में योग्यताक्रमानुसार क्वालीफाई करने वाले अदयर्थियों को द्वितीय चरण की वर्णनात्मक परीक्षा (लिखित परीक्षा, अभिवृइिा एवं अन्य योग्यताओं की पहचान, सामूहिक परिचर्चा तथा साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता हैं । वर्णनात्मक परीक्षा भी अदयर्थी के विकल्प के अनुसार हिंदी या अंग्रेजी में होती है । प्रश्नों की संप्या और समय सीमा- वस्तुनिष्ठ प्रकार की पहले चरण वाली परीक्षा में सामान्यतया विभिन्न विषयों की प्रश्नावलियों में कुल २२५ प्रश्न होते है । जिनके लिए दो घंटे पंद्रह मिनट का समय दिया जाता है । प्रत्येक प्रश्नावली मंे प्रश्नों की संप्या तथा प्रत्येक प्रश्नावली को हल करने के लिए प्रस्तावित अनुमानित समय नीचे दिया गया है । प्रश्नावली प्रश्न संप्या अनुमानित समय सामान्य सचेतता की प्रश्नावली ५० २५ मिनट अंग्रेजी भाषा की प्रश्नावली ५० ३० मिनट संप्यात्मक अभिवृइिा की प्रश्नावली ५० ३० मिनट तर्कसंगतता प्रश्नावली ७५ ५० मिनट कुल प्रश्न संप्या २२५ १३५ मिनट गौरतलब है कि परीक्षा देते समय इसी के अनुरूप समय निर्धारित किया जाना चाहिए । यदि आप किसी प्रश्नावली के सभी प्रश्न इस तय किए गए समय में नहीं हल कर पाते हैं तो भी उन्हें छोड़कर दूसरी प्रश्नावली हल करिए । बचे हुए प्रश्नों को आप अन्य प्रश्नावलियाँ हल करने के बाद, यदि समय मिलता है, तो हल कर सकते हैं । चूँकि पहले चरण की लिखित परीक्षा में वस्तुपरक प्रकार के प्रश्न-पत्र होते हैं अतएव वस्तुपरक परीक्षाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ऐसे प्रश्न स्कूल और कॉलेज परीक्षाओं से अलग होते हैं । वस्तुनिष्ठ प्रश्न हल करते समय यदि आपको कोई प्रश्न कठिन लगता है तो उसे छोड़कर आगे बढ़ जाना चाहिए । बीच-बीच में कुछ प्रश्न ऐसे दिए जाते हैं जिससे परीक्षार्थी हल करते समय दुविधापूर्ण स्थिति में आ जाए इसलिए ऐसी स्थिति में उन्हें छोड़ना ही आपके हित में होगा । इन वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में कुछ प्रश्न ऐसे रहते हैं कि जिनका उइार देना मुश्किल होता है । उल्लेखनीय है कि प्रथम प्रयास में ही शीघ्रतापूर्वक बिना त्रुटि के जोड़-गुणा-भाग करने की दक्षता आदि में समर्थ रहने वालों को पहचान लेने के लिए थोड़े कठिन प्रश्नों का भी चयन किया जाता है । कैसे करें तैयारी- बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसर परीक्षा में सफलता के लिए वस्तुनिष्ठ परीक्षा, वर्णनात्मक परीक्षा, समूह चर्चा तथा इंटरव्यू के लिए सुनियोजित तैयारी जरूरी है । विभिन्न प्रकार के प्रश्नों की तैयारी के लिए अच्छे से अच्छे संदर्भ, पिछले वर्षों के हल प्रश्नपत्र और श्रेष्ठइाम पुस्तकों व प्रतियोगिता परीक्षाओं की मासिक पत्रिकाओं का उपयोग अवश्य किया जाना चाहिए । सामान्य सचेतता की परीक्षा- यह परीक्षा इस बात की जांच करती है कि परीक्षार्थी में सामान्य ज्ञान का स्तर कितना है । समाज, देश और विश्व से जु़डी प्रमुख घटनाओं के प्रति परीक्षार्थी की जागरूकता का पता इसी परीक्षा से लगाया जाता है । सामान्य सचेतता में प्राय: सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के साथ पिछले कुछ समय में हुई घटनाओं पर भी प्रश्न पूछे जाते हैं । इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि पूरे नवीनतम घटनाक्रम पर नजर रखी जाए । इस विषय की तैयारी के लिए समाचार पत्र दैनिक भास्कर, प्रतियोगिता निर्देशिका, कॉड्टपीटिशन सक्सेस रिव्यू तथा प्रतियोगिता दर्पण जैसी पत्रिकाएँ उपयोगी हैं । सामान्य सचेतता की परीक्षा- यह परीक्षा इस बात की जांच करती है कि परीक्षार्थी में सामान्य ज्ञान का स्तर कितना है । समाज, देश और विश्व से जु़डी प्रमुख घटनाओं के प्रति परीक्षार्थी की जागरूकता का पता इसी परीक्षा से लगाया जाता है । सामान्य सचेतता में प्राय: सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के साथ पिछले कुछ समय में हुई घटनाओं पर भी प्रश्न पूछे जाते हैं । इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि पूरे नवीनतम घटनाक्रम पर नजर रखी जाए । इस विषय की तैयारी के लिए समाचार पत्र दैनिक भास्कर, प्रतियोगिता निर्देशिका, कॉड्टपीटिशन सक्सेस रिव्यू तथा प्रतियोगिता दर्पण जैसी पत्रिकाएँ उपयोगी हैं । अंग्रेजी भाषा की परीक्षा- इस परीक्षा का प्रयोजन है- अंग्रेजी भाषा ज्ञान की परीक्षा करना । व्याकरण, शख्रदावली, वाक्यपूर्ण करना, समानार्थी, विरुद्धार्थी, अनुच्छेद की समझ आदि संबंधी प्रश्नों से अंग्रेजी भाषा संबंधी ज्ञान की परीक्षा की जाती है । इसके लिए हरिमोहन प्रसाद और ऊषा रानी सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तक ऑख्रजेकटिव इंग्लिश फॉर कॉड्टपीटेटिव एक्जामिनेशन तथा नारमन लुईस की पुस्तक का सहारा ले सकते हैं । संप्यात्मक अभिवृइिा की परीक्षा- यह परीक्षा संप्यात्मक गणनाओं, जैसे संगणन, संप्यात्मक, तर्कसंगतता, सारणियों एवं ग्राफों का निष्कर्ष निकालना आदि में गति एवं शुद्धता की जाँच के लिए है । तैयारी हेतु सबसे पहले छठी से १० वीं तक की एन.सी.ई.आर.टी. की गणित की किताबें पढ़ें । एम. तायरा तथा गुहा द्वारा लिखी पुस्तकें क्वानटेटीव एप्टीट्यूड काफी सहायक सिद्ध हैं । तर्कसंगतता की परीक्षा- यह परीक्षा यह देखने के लिए है कि आप कितनी अच्छी तरह तर्कों के साथ सोच सकते हैं । इसमें तर्क शक्ति् के विभिन्न प्रकार के प्रश्न होते हैं । तर्क शक्ति् की परीक्षा परीक्षार्थी के सोच का आकलन करती है । तर्क शक्ति् के विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के बार-बार अदयास से ही आत्मविश्वास आता है । इसकी तैयारी के लिए बी.एस.सी. प्रकाशन की एम.के. पांडे द्वारा लिखी पुस्तक टेस्ट ऑफ रिजनिंग आदि का अध्ययन उपयोगी है । अदयर्थियों के लिए यह ध्यान देना अति महत्वपूर्ण है कि त्रुटि पूर्ण उइारों के लिए नेगेटिव मार्किंग किया जाता है । इसलिए अपने उइारों को मार्क करते समय सावधानी बरतनी चाहिए । यह ध्यान रहे कि एक अंक से भी कम अंतर में चयन रुख जाता है । यदि अगर आपको कोई प्रश्न का उइार नहीं आता है और आप उसे खाली छोड़ देते हैं तो इसके लिए आपके अंकों की कटौती नहीं की जाती हैं । अत: उइार देते समय आपकों अत्यंत सावधान रहना चाहिए । वर्णनात्मक शैली के प्रश्नों के उइार देते समय कुछ बातें याद रखनी चाहिए । ये हैं- सबसे पहले अपने भावों को तर्क के साथ क्रमबद्ध करके प्रस्तुत करना, आवश्यकता से अधिक नहीं लिखना एवं प्रश्नों का स्पष्ट उइार देना । यह कोशिश करनी चाहिए कि सरल शख्रदों का प्रयोग करें एवं छोटे-छोटे वाक्यों में अपने तर्कों को प्रस्तुत करें । यदि इन बातों को ध्यान में रखकर बैंक प्रोबेशनरी अधिकारी परीक्षा की तैयारी की जाएगी, तो सफलता के मार्ग पर कदम आगे बढ़ जाएंगे । हर परिश्रमी और प्रतिभाशाली छात्र को अच्छे कैरियर के रूप में बैंक प्रोबेशनरी अधिकारी बनने का विकल्प भी रखना चाहिए ।