ई-गवर्नेंस की मानव संसाधन नीति पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल को कल सौंपी गई। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण तथा ई-गवर्नेंस की मानव संसाधन नीति पर विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष श्री नंदन नीलेकनी ने अन्य सदस्यों के साथ श्री सिब्बल को यह रिपोर्ट सौंपी।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना पर प्रधानमंत्री की समिति की पहली बैठक 23 नवंबर 2011 को हुई थी, जिसमें सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस अपनाने में पर्याप्त संख्या में योग्य मानव संसाधन की कमी महसूस की गई। प्रधानमंत्री की समिति के फैसले के अनुरूप ई-गवर्नेंस नीति को आगे बढ़ाने में नई मानव संसाधन नीति बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई। यह समिति मानव संसाधन ढांचा और ई-गवर्नेंस पर सुझाव देगी, जिससे सरकार में तथा बाहर से प्रतिभावान लोगों को जोड़ने की आवश्यकता संबंधी समाधान हो सकेगा। इस समिति में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित राज्य सरकार, नासकॉम और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
समिति ने उद्योग जगत तथा संबंधित पक्षों के साथ परामर्श करने सहित इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श तथा प्रचलित व्यवहारों का अध्ययन किया। समिति ने इसी पर आधारित व्यापक सुझाव दिए हैं। उम्मीद है कि इससे ई-गवर्नेंस के लिए उचित मानव संसाधन ढांचा और ई-गवर्नेंस व्यवस्था स्थापित करने में सुविधा होगी और त्वरित गति से देश में अच्छे शासन के लिए ई-गवर्नेंस प्रणाली कार्यरत हो जाएगी।
समिति की विभिन्न सिफारिशों में केन्द्रीय मंत्रालयों में मुख्य सूचना अधिकारी के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक सर्विसेज डिवीजन स्थापित करने, राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों में सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी से संबंधित महानिदेशालय गठित करने तथा परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए समर्पित परियोजना दल बनाने की अनुशंसा शामिल है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र की प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में भूमिका को और व्यापक बनाने और मंत्रालयों तथा राज्यों के साथ उसके अहम संपर्क पर भी जोर दिया गया। समिति ने कई नीति संबंधित हस्तक्षेप का सुझाव दिया है जो आंतरिक क्षमता निर्मित करने तथा सरकार के आंतरिक संसाधन को बढ़ाने के लिए संस्थागत प्रशिक्षण और क्षमतावर्धन प्रणाली के लिए आवश्यक हैं। समिति ने सरकार के बाहर से भी क्षमता संवर्धनका सुझाव दिया है, जिसमें कुशल और सक्षम लोगों को आकर्षित करने, उन्हें अपने साथ बनाये रखने और उनकी क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए ढांचा विकसित करने को कहा गया है।
श्री कपिल सिब्बल ने श्री नीलेकणि और समिति के सदस्यों के प्रयासों और उनके व्यापक सुझाव की प्रसंशा की, जो देश में ई-गवर्नेंस लागू करने में बहुत अहम हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इन सिफारिशों पर अमल के लिए तुरंत पहल आरंभ करने की सलाह दी।