रिटेल मैनेजमेंट में कॅरियर -
उदारीकरण और वैश्वीकरण के बढ़ते प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐसे कई क्षेत्र उभरकर सामने आए हैं, जिनका नाम भी हमारे लिए कुछ वर्ष पहले तक अनजाना था । इन नए उभर रहे क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रवेश से इनका लगातार विकास तो हो ही रहा है, कॅरियर के लिए भी नित नए अवसर सामने आ रहे हैं । आईटी, बीपीओ, केपीओ, बायोटेक्नोलॉजी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विशेषज्ञ रिटेलिंग को `नेक्स्ट बिग थिंग' के रूप में देख रहे हैं । रिटेल या खुदरा व्यापार ७२ खरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाला दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग है । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया का हर दसवाँ अरबपति रिटेलर है । विश्व की शीर्ष ५० कंपनियों में से २५ का संबंध रिटेल कारोबार से है । ग्राहकों की संख्या के अनुसार विश्व अर्थव्यवस्था में दूसरा स्थान रखने वाला भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा रिटेल डेस्टिनेशन भी है । भारत को आज घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियाँ ऐसी सोने की खान की तरह देख रही हैं जिसमें अपार संभावनाएँ छिपी हुई हैं । भारत का कुल खुदरा व्यापार ३०० अरब रुपए के बराबर है । इतना ही नहीं, अगले पाँच वर्षों में इसमें ३० प्रतिशत की वृद्धि होने का भी अनुमान है । इस समय भारत के शिक्षित वयस्कों में से करीब १५ प्रतिशत खुदरा व्यापार में लगे हैं और अगले चार-पाँच वर्षों में इस क्षेत्र में २० लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है ।वर्तमान में खुदरा व्यापार का क्षेत्र बड़े परिवर्तनों के दौर से गुजर रहा है और इसका परम्परागत ढाँचा नया रूप लेता जा रहा है । आँकड़ों से संकेत मिलता है कि भारत में खुदरा व्यापार के क्षेत्र में जबरदस्त उछाल आने और इसका व्यापक विकास होने की संभावना है । इससे इस उद्योग का दायरा और महत्व दोनों बढ़ गए हैं तथा यह इस क्षेत्र के संभावित कर्मचारियों के लिए बड़ा ही आकर्षक बन गया है । आज संगठित खुदरा व्यापार का विकास २ प्रतिशत से बढ़कर ३.५ प्रतिशत की रफ्तार से हो रहा है । भारत में इस समय ७० से अधिक माल्स हैं और अगले दो-तीन साल में इनकी संख्या २५० से अधिक हो जाने की संभावना है । आज खुदरा व्यापार को नए जमाने का व्यवसाय ही नहीं माना जाता, बल्कि यह एक ऐसा स्थापित व्यवसाय बन गया है जिसमें ऊँची क्षमता है और जिसका तेजी से विकास हो रहा है । संगठित खुदरा व्यापार आज देश के प्रमुख शहरों तक सीमित नहीं रह गया है, जाने-माने रिटेलरों ने प्रथम श्रेणी के शहरों में तो बाजार पर कब्जा कर ही लिया है, अब वे द्वितीय श्रेणी के शहरों में अपने कारोबार का विस्तार करने और उनकी क्षमताआं का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं । इंदौर, भोपाल, ग्वालियर आदि नगरों में भी मॉल्स की संख्या में जोरदार बढ़ोतरी होने की संभावना है । रिटेल उद्योग में आज रोजगार के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं । यह कहना गलत नहीं होगा कि अन्य उद्योगों की तुलना में रिटेल व्यापार के क्षेत्र में विकल्पों की भरमार है । इनमें से प्रमुख विकल्प इस प्रकार हैं- बिक्री कर्मचारी (सेल्समैन)- प्रत्येक रिटेल स्टोर को अपने सामान की बिक्री के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होती है । ये कर्मचारी इस उद्योग में प्रारंभिक स्तर पर कार्य करते हैं । स्टोर प्रबंधक- स्टोर प्रबंधक किसी खास स्टोर के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी होते हैं । अधिकतर स्टोर प्रबंधक स्टोर का रोजमर्रा का कामकाज चलाने की जिम्मेदारी निभाते हैं । रिटेल मैनेजर- रिटेल मैनेजर ग्राहकों के रूझान आदतों और जीवन शैली का अध्ययन कर सामान को सजाने का तरीका निर्धारित करते हैं । वे स्टॉक में मौजूद सामान पर निगाह रखते हैं, नए स्टॉक के लिए ऑर्डर देते हैं, सप्लाई चेन को बरकरार रखते हैं और खरीददारों के रुझान का विश्लेषण करते हैं । खुदरा खरीददार और व्यापारी- ये स्टोर के लिए सामान का चयन करने और उसकी खरीद के लिए जिम्मेदार होते हैं ।विजुअल मर्चेंडाइजर- इस व्यापार में रिटेल डिजाइन या विजुअल मर्चेंडाइजिंग (सामान को आकर्षक तरीके से सजाने) की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है । डिजाइनर या विजुअल मर्चेंडाइजर ही वे लोग हैं जो किसी स्टोर में सामान को व्यवस्थित तरीके से रखकर उसे एक सुंदर स्वरूप प्रदान करते हैं । भंडार प्रबंधक- यह संगठित खुदरा व्यापार का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है । यह संबंधित उत्पाद की सप्लाई चेन को बनाए रखता है तथा भंडारगृह का प्रबंधन करता है ।इस सेक्टर में प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित दोनों प्रकार के कर्मियों के लिए पार्ट और फुलटाइम नौकरी के ढेरों विकल्प मौजूद हैं । इस क्षेत्र में सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव के तौर पर काम की शुरुआत की जा सकती है। चूँकि रिटेल स्टोर पूरी तरह से सेल्स पर निर्भर करता है अत: इस पद के लिए रिक्तियों की कमी नहीं होगी। प्रारंभिक तौर पर वेतन भले ही बहुत आकर्षक न लगे, परंतु पर्याप्त प्रशिक्षण और अनुभव के बढ़ने के साथ-साथ पदोन्नति और वेतनवृद्धि के निश्चित अवसर हैं । पूरी सेल्स टीम के कार्यों की देखरेख और रिटेल स्टोर की दैनिक कार्यवाहियों के संचालन का जिम्मा एक स्टोर मैनेजर का होता है । प्रबंधन कोर्स किए हुए व्यक्ति इस पद के दावेदार होते हैं । अच्छे वेतन और अन्य सुविधाआें की उपलब्धता को देखते हुए स्टोर मैनेजर का पद बहुत आकर्षक है । स्टॉक के स्तर की देखरेख के साथ-साथ ग्राहक वर्ग की आदतों और आवश्यकताआं पर दृष्टि रखने के लिए रिटेल मैनेजर के रूप में कॅरियर ऑप्शन उपलब्ध है । इस पद के लिए बाजार के बदलते ट्रेंड पर नजर रखने वाले अनुभवी मार्केट एनालिस्ट योग्य माने जाते हैं । उपलब्ध मानव श्रम की क्षमता का अधिकतम उपयोग हो और साथ ही संगठन के प्रति कर्मियों में निष्ठा का भाव बना रहे, इसके लिए ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर्स का पद हर संस्था में होता है । यह अच्छे वेतन और सम्मानजनक स्थिति वाला पद होता है । व्यवस्थित रिटेल सेक्टर में अनुरूप रंग, फ्रेशनर एवं म्यूजिक का चयन करने वाले विजुअल डिजाइनर और क्रिएटिव विजुलाइजर के रूप में भी कॅरियर का चयन किया जा सकता है । भारतीय बाजार ने रिटेल सेक्टर को व्यवस्थित रूप देने की कवायद की है । भारतीय उपभोक्ता भी अपनी खर्च योग्य आय बढ़ने के कारण अच्छे वातावरण में खरीददारी करना चाहते हैं । फिर चाहे खरीद किसी पारम्परिक वस्तु की हो या किसी आधुनिक उत्पाद की, नामी स्टोर्स में जाने का चलन अब तेजी से बढ़ रहा है । इन बिक्री स्थानों में ग्राहक और निर्माता के बीच सीधा सम्पर्क होने से ग्राहक को पसंदीदा उत्पाद पहले से कम मूल्य पर मिलता है और उत्पादक भी उपभोक्ता वर्ग की आवश्यकता तथा प्रवृत्ति को बेहतर ढ़ंग से समझ पाने में सक्षम हो रहे हैं । इस कारण रिटेल सेक्टर लगातार निर्बाध गति से व्यवस्थित होता जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में विविध आयामी संभावनाआं के द्वार खुल रहे हैं । कई नई कंपनियों जैसे टाटा, रिलायंस, पेंटालून, विशाल मेगा मार्ट, बिग बाजार, वॉल मार्ट आदि के इस क्षेत्र में प्रवेश से युवाआें हेतु रोजगार के अपार अवसर निर्मित हो गए हैं । केवल अगले वित्तीय वर्ष में इस क्षेत्र में ७ लाख नए रोजगार अवसर सामने आने का अनुमान है । प्रतिभावान और ऊर्जा से भरपूर युवाआं के लिए इस क्षेत्र में नौकरी की असीमित संभावनाएँ हैं । विद्यार्थी सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, फ्लोर एसिस्टेंट, मैनेजमेंट ट्रेनी, फ्लोर मैनेजर, स्टोर मैनेजर, डिपार्टमेंट मैनेजर, रिटेल मैनेजर, विजुअल मर्चेंडाइजर आदि पदों पर नियुक्त होकर कॅरियर की बुलंदियों को छू सकते हैं । साधारणतया रिटेलिंग से जुड़े प्रारंभिक कोर्सेज में प्रवेश के लिए ५० प्रतिशत अंकों के साथ १०+२ अनिवार्य है । यदि विद्यार्थी रिटेलिंग के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो बेहतर सेल्स स्किल्स के साथ लोगों के बीच काम करने की प्रतिभा का विकास करना आवश्यक है । साथ ही, पॉजिटिव एटिट्यूड और लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता के सहारे विद्यार्थी इस क्षेत्र में एक सफल कॅरियर की उम्मीद रख सकते हैं । हाल ही में रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा एक कोर्स की शुरुआत की गई है । `प्रोफेशनल रिटेलिंग स्किल्स' नाम का यह कोर्स छात्रों में सॉफ्ट रिटेलिंग स्किल्स को डेवलप करने के उद्देश्य से आरंभ किया गया है । रिटेल मैनेजमेंट का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, (मध्यप्रदेश) इंडियन रिटेल स्कूल, एन-१०,साउथ एक्सटेंशन-१, नई दिल्ली ११००४९ । वेबसाइट - www.indianretailschool.com एशिया- पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पॉकेट ई के सामने, सरिता विहार, नई दिल्ली-११००७६ । वेबसाइट - www.asiapacific.edu गरवारे इंस्टीट्यूट ऑफ कॅरियर एजुकेशन एंड डेवलपमेंट, विद्यानगरी कालीना, सांताक्रूज (पू) मुंबई । मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन्स, शैला, अहमदाबाद ३८००५८ । कोहिनूर बिजनेस स्कूल, खंडाला । एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज, प्लाट नं. २३, सेक्टर ३२, इंस्टीट्यूशनल एरिया, गुडगाँव-१२२००१ । वेलिंगकार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट डेवलपमेंट एंड रिसर्च, अर्नेन आर्केड, कृष्ण नगर, इंडस्ट्रियल लेआउट, होसुर रोड, बंगलौर ।
इसके साथ ही मध्यप्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. की डिग्री करने वाले छात्रों के लिए भी इस क्षेत्र में रोजगार की ढेरों संभावनाएँ हैं । कॉमर्स ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट छात्र भी इस क्षेत्र में अच्छा कॅरियर बना सकते हैं ।
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