26 नवंबर - आज चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा नशा मुक्ति पर एक खास कार्यक्रम अयोजित किया गया। पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक, महामहिम बनवारी लाल पुरोहित जी ने इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर नशा मुक्ति अभियान का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देशय पंजाब और चंडीगढ़ को नशा मुक्ति की ओर ले जाना है। ये कार्यक्रम ब्रह्माकुमारी संस्था के नॉर्थ ज़ोन के पूर्व निदेशक भ्राता अमीर चंद जी के तीसरे स्मृति दिवस पर आयोजित किया गया था।
बनवारी लाल पुरोहित जी ने धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि समाज में नशे को रोकने के लिए कानून, पुलिस और बॉर्डर पर बीएसएफ सभी अपना काम तत्परता से कर रहे हैं लेकिन जन-जन में जागृति लाने का काम केवल धर्म ही कर सकता है। भारत की संस्कृति बहुत विशाल और प्राचीन है और केवल धार्मिक प्रवृत्ति हमारी संस्कृति को कायम रखती है और ब्रह्माकुमारी संस्था जिसकी सेवाएँ जन कल्याण के लिए समर्पित हैं, आज इस संस्था के भाई बहन सभी ऋषि मुनियों के समान हैं जो समाज में जागृति ला रहे हैं और आगे भी लाते रहेंगे।
अपनी ज़िंदगी में तंबाकू के सेवन को छोड़ने को याद करते हुए उन्होंने बताया की किस तरह नागपुर में गायत्री यज्ञ में वे सपरिवार शामिल हुए और यज्ञ के आखिर में उनकी पत्नी ने एक बुरी आदत छोड़ने को कहा तो उन्होने हमेशा के लिए तंबाकू का सेवन छोड़ दिया। जब परमात्मा से ही वायदा कर लिया तो उसके बाद उस बुराई को दोबारा ज़िंदगी में कभी नहीं आने दिया। इसी तरह ब्रह्माकुमारी भाई बहन जब किसी को इस नशे से मुक्त होने का संदेश देंगे तो अवश्य ही उनके कहे शब्दों में वो ताकत होगी जिसका सम्मान किया जाएगा। भगवान के दूत जब लोगों को शिक्षा देंगे तो उसका असर होगा ही।
ब्रह्माकुमारी संस्था की तरफ से जन कल्याण हेतु जनता को जागृत करने की जो कोशिश की जा रही है, वह सराहनीय है। बहुत से घर परिवार इसी नशे के चलते बर्बाद हुए हैं। गांव की महिलाएं तक नशे के खिलाफ जुलूस निकालती हैं क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों को नशे के हाथ खोया है।
भगवद्गीता को सभी स्मृतियों पुराणों और वेदों से ऊपर बताया गया है क्योंकि गीता स्वयं भगवान के श्रीमुख से निकली हुई शिक्षा है और उसे भगवान ने मानव हित के लिए समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्था ने धर्म की जड़ को संभाल रखा है। जैसे स्वामी विवेकानंद जी ने कहा की कितनी संस्कृतियाँ आईं और लुप्त हो गईं लेकिन हमारी संस्कृति आज भी कायम है क्योंकि हमारी प्रवृत्ति धर्म की तरफ है। धर्म को सींचने का काम ये संस्था बख़ूबी कर रही है। जैसे गेहूं में से कंकर को साफ किया जाता है वैसे ही ये संस्था समाज के गलत तत्वों को ठीक करने में अग्रणी है। नशा और ड्रग्स बढ़ रहे हैं ये व्यापक सच्चाई है और इसके लिए जागृति बहुत जरूरी है। उन्हें ब्रह्माकुमारी संस्था को उनकी सेवाओं के लिए बधाई दी और समाज उत्थान में सदा अपना साथ देने की बात कही।
माउंट आबू से खास पधारीं राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी सुषमा दीदी ने अपने सुंदर वक्तव्य में सदा शुभ भावना रखने पर ज़ोर दिया। अन्होने सरल शब्दों में दान और पुण्य में भेद बताया। दान आसान है, कोई भी कर सकता है लेकिन पुण्य आपके मन की शुभ भावनाओं के संकल्प से आता है। सदा कल्याणकारी सोच ही पुण्य है। नफ़रत किसी इंसान का संकल्प नहीं होना चाहिए। शुभ भावना से धर्म हमेशा रक्षा करता है। चिंतन को बदलना है और उसके लिए राजयोग ध्यान सबसे सरल और सुंदर मार्ग है।
इसके अलावा मंच पर संस्था की नॉर्थ ज़ोन की निदेशक राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी प्रेम दीदी और राजयोगिनी ब्रह्मा कुमारी उत्तरा दीदी, संस्था के मेडिकल विंग के सेक्रेटरी भाई बनारसी लाल शाह भी उपस्थित रहे और जनसमूह को सम्बोधित किया। मंच का संचालन ब्रह्मा कुमारी अनिता दीदी ने किया।