पीएचडीसीसीआई में आईबीसी कोड 2016 पर कांफ्रैंस का आयोजन
पैनल चर्चा में उद्योगपतियों, एच आर प्रोफेशनल, एडवोकेट व इंसोल्वेंसी प्रोफेशनल ने लिया भाग
चंडीगढ़। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ बैंच के मेंबर (ज्यूडिशयल) पीएसएन प्रसाद ने कहा कि अक्सर कानून की जानकारी के अभाव में ट्रिब्यूनल के पास आर्थिक मामलों से संबंधित शिकायतें आती रहती हैं। वकीलों को भी चाहिए कि वह किसी तरह की याचिका दाखिल करने से पहले उद्योगपतियों व बैंकरों को कानून के माध्यम से समझाकर आपसी सहमति का प्रयास करें।
प्रसाद ने उक्त विचार आज पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इंसोल्वेंसी एंड बैंकक्रप्सी कोड-2016 को लेकर आयोजित जागरूकता कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। प्रसाद ने कहा कि अन्य क्षेत्रों में बने नियम व कानूनों का सही इस्तेमाल हो रहा है लेकिन आर्थिक मामलों के संबंध में बने कानूनों की सही जानकारी के अभाव में विवाद बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ बैंच के मेंबर (ज्यूडिशयल) हरनाम सिंह ठाकुर ने कहा कि इंसोल्वेंसी अथवा उद्योगों का दिवालियापन अब किसी एक क्षेत्र से जुड़ा मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। आईबीसी को बने सात साल हो चुके हैं। अब इसे लेकर जागरूकता बढऩे लगी है। आईबीसी के माध्यम से कई उद्योग समूह तथा बैंकों के बीच के विवाद को आपसी सहमति के साथ हल किया जा सकता है।
कांफ्रैंस में उद्योगपतियों के अलावा इंसोल्वेंसी प्रोफेशनल, एच.आर.प्रोफेशनल, एडवोकेट ने भाग लिया। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की सदस्य लक्ष्मी गुरुंग ने चैंबर के इस आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि उद्योगों तथा बैंकों के बीच के विवाद लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस तरह के आयोजन नियमित रूप से किए जाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक उद्यमियों को इस बारे में जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर बोलते हुए, पीएचडीसीसीआई एनसीएलटी और आईबीसी समिति के अध्यक्ष जी.पी. मदान ने आईबीसी, 2016 की सफलता के बारे में जानकारी दीकी कहानियों पर प्रकाश डाला। संहिता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि, अपवादों को छोडक़र, एनपीए अर्थव्यवस्था में दिखाई नहीं देगा। उन्होंने सभी हितधारकों से कानून के सफल कार्यान्वयन में सरकार, नियामक और निर्णायक प्राधिकरण का समर्थन करने का आग्रह किया।
पीएचडीसीसीआई के एसिस्टेंट सैक्टरी जनरल डॉ.जतिंदर सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि देश में उद्योगों के संबंध में जब भी कोई नया कानून बनता है तो चैंबर द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके उद्योगपतियों को इसके बारे में जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि चैंबर सरकार तथा उद्योगपतियों के बीच एक सेतु का काम करता है। ऐसे में सरकार के नियमों की सही जानकारी उद्योगपतियों तक पहुंचाना चैंबर की जिम्मेदारी है।
उदघाटन सत्र में पीएचडीसीसीआई एनसीएलटी एवं आईबीसी कमेटी के को-चेयर अभिषेक आनंद, करण मेहरा, बैंकिंग एवं फाइनेंशियल सर्विस सब-कमेटी के संयोजक मुकुल बंसल ने अपने विचार व्यक्त किए। तकनीकी सत्र के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शर्मा, जलेश कुमार ग्रोवर, रतन गोपाल मिश्रा, अतुल सूद, आनंद छिब्बर, पंकज सेठ व हरीश तनेजा ने पैनल चर्चा में भाग लेकर आईबीसी-2016 के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।