चंडीगढ़ - कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से उद्योग जगत को डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से उबारने की दिशा में सेक्टर-31 स्थित पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स ने डिजिफ्लेम मीडिया के सहयोग से शनिवार को ‘डिजिटल मार्केटिंग इन करंट सिनेरियो’ नामक विषय पर वेबीनार चर्चा आयोजित की। चर्चा में विभिन्न उद्योगों से संबंधित करीब 50 उद्यमियों ने भाग लिया जिन्हें आईबीएस हैदराबाद ग्रैजुएट और डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट भुवन मित्तल ने संबोधित किया।
सोशल मीडिया के महत्व पर बल देते हुए मित्तल ने बताया कि यह माध्यम समाज और व्यापार के हर सेक्टर में अपनी कारगरता साबित कर चुका है और प्रत्येक वर्ग की जरूरत बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि छोटे से बड़ा उद्योग कोरोना महामारी की मार झेलता स्पष्ट नजर आ रहा है जिसके के लिये डिजिटल मार्केटिंग बेहद कम खर्च पर एसईओ, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, कंटेंड मार्केटिंग आदि माध्यमों से वह अपनी दशा सुधार सकते हंै।
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उन्होंने बताया कि कारपोरेट जगत के साथ-साथ सरकारी एजेंसियां स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी डाटा ड्रीवन सोल्यूशंस पर अधारित रणनीतियों को अपना अपनी ओडियंस तक पहुंच बना रही है फिर वह चाहे ब्रांड अवैरनेस हो, एजेंसी रिक्यूटमेंट हो या फिर पोलिटिकल कैंपेन्स ।
मित्तल ने बताया कि रिसर्च के अनुसार ट्राईसिटी रिजन में औसतन 27 लाख सोशल मीडिया यूजर्स हैं जो कि अपने सीमित बजट के द्वारा रोजाना सात से ग्यारह हजार लोगों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं।
इससे पूर्व पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष डी.के अग्रवाल ने भाग ले रहे प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना के चलते उद्योगों में डिमांड अभी धीमी है और उद्यमी वर्ग अपने उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने में अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में डिजिटल मार्केटिंग न केवल किफायती है बल्कि प्रभावी भी साबित हो रही है।
चैंबर के हरियाणा चैप्टर के चेयरमैन मोहित जैन, को-चैयरमेन आशुतोष जैन, एसबीपी ग्रुप के सीनीयर मैनेजर प्रवीण गोयल, माल्टवीन के ब्रांड मैनेजर सिद्धार्थ जैन सहित अन्य एक्सपटर््स ने डिजिटल मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। अंतिम सत्र में उद्यमियों ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाएं दूर की।