चंडीगढ़ - 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में शोर मचाने की बजाय, ऐसा क्यों है कि हम सत्य जानने के अपने अधिकार के बारे में बात नहीं करते हैं। अंतहीन युद्धों और संघर्षों के बाद, हम मनुष्यों ने पृथ्वी पर बिताए अपने थोड़े समय में अनुभव किया है कि केवल एक ही चीज सबसे महत्वपूर्ण है, और वो है सच्चाई है, जिससे जानने और खोजने में हम हिचकते हैं,' प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं लेखक विवेक अग्निहोत्री ने 'वन्स इन 30 डेज ' फोरम द्वारा दि विलेज रिजॉर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
एक घंटे के अपने व्याख्यान में, विवेक ने बौद्धिक अधीनता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बार-बार उठने वाली बहस और इन धारणाओं से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में चिंता व्यक्त की। सत्तर के दशक की शुरुआत में भोपाल में शुरू हुए अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए, अग्निहोत्री ने कहा कि एक समाज के रूप में हम सबने व्यक्तिगत स्तर 'दोहरे ' व्यवहार को अपना लिया, जिसके फलस्वरूप सामाजिक पतन शुरू हो गया।
'मैं उन लोगों के नाम लेने से नहीं हिचकता, जिन्हें 'बुद्धिजीवी ' कहा जाता है, चाहे वे मीडिया पेशेवर हों या छद्म लेखक या लोकप्रिय आलोचक, लेकिन वास्तव में वे संवेदनशील मानव नहीं हैं। ये लोग खुद की तथाकथित प्रतिष्ठा और स्टेटस को खोने से डरते हैं, इसलिए सच्चाई उजागर नहीं करते हैं, लेकिन तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते हुए, सनसनीखेज बनाकर समाचार या सामग्री बेचते हैं। इस तरह से वे पाठकों व दर्शकों को गुमराह करते हैं, ' ताशकंद फाइल्स के डायरेक्टर ने कहा।
चंडीगढ़ की एक ओपन फोमर - वन्स इन 30 डेज, एक ऐसी सामूहिक शुरुआत है, जो कला एवं संस्कृति सहित अनेक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श और बातचीत की संस्कृति को पोषित करने की दिशा में प्रयासरत है।
'चंडीगढ़ की छवि को बहाल करने की आवश्यकता है। यह शहर यहां आने वाले लोगों और निवासियों को फिल्मों के प्रीमियर और म्यूजिकल शो जैसे मनोरंजक कार्यक्रमों के अलावा और भी बहुत कुछ दे सकता है। 'वन्स इन 30 डेज ' उसी दिशा में एक छोटी सी शुरुआत है। यह मंच उन लोगों के लिए खुला है, जिनके पास शहर के चरित्र को नये सिरे से रचने और मजबूत करने के लिए रचनात्मक विचार हैं,' समूह के एक संस्थापक सदस्य ने कहा।
'वन्स इन 30 डेज ' के सदस्यों में फिलहाल कुछ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, उद्यमी, कलाकार, स्वतंत्र लेखक, पत्रकार, डॉक्टर, वकील आदि शामिल हैं। विवेक के साथ उनकी पत्नी, अभिनेत्री पल्लवी जोशी भी आयी थीं। विवेक ने 'वन्स इन 30 डेज ' जैसे खुले मंच की स्थापना करने के लिए संस्थापकों की सराहना की और घोषणा की कि वह हर तरह से इसकी गतिविधियों और विकास का समर्थन करना चाहेंगे।
विवेक ने कहा, 'यह एक बड़ी कोशिश है और चंडीगढ़ जैसी जगह में इसके विकसित होने की अपार क्षमता मौजूद है। ' वार्ता एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर के साथ संपन्न हुई, जिसमें निर्देशक ने कश्मीरी पंडितों पर एक फिल्म बनाने की अपनी योजना के बारे में बताया और कहा कि यह विषय उनके दिल के बहुत करीब है।