चंडीगढ़ - संगीत उनका व्यवसाय नहीं, लेकिन जुनून अवश्य है, क्योंकि गुरलीन और जसलीन कौर बहनों की जोड़ी के नाम आध्यात्मिक संगीत प्रस्तुति का एक शानदार रिकॉर्ड है, जिसमें 100 से अधिक गुरबानी कीर्तनों की प्रस्तुति और दो भक्ति संगीत एल्बम उनके नाम से हैं।
मां जगजीत कौर बताती हैं कि संगीत की यात्रा एक दशक पहले शुरू हुई, जब इन बहनों ने नामी संगीतकार पीएस बाली से गायन में प्रशिक्षण लिया। गुरु के असमय निधन के बाद, उनके पिता, सीए गुरदीप सिंह ने मार्गदर्शन का जिम्मा ले लिया, क्योंकि उन्हें खुद संगीत से गहरा लगाव है। आज भी, गुरदीप सिंह काम से लौटने के बाद शाम को कुछ मिनट तबले पर रियाज़ अवश्य करते हैं।
वंडर वेव्स के बैनर तले बनीं दो भक्ति संगीत एल्बम - 'दरस तेरे की प्यास मन लागी ' और 'हर की वदाई देखो संतो ' इस परिवार के संगीत प्रेम की साक्षी हैं। गुरलीन (22) और जसलीन (26) कहती हैं, 'हमें गुरबानी गाना बहुत पसंद है। गायन के लिए हमें हर किसी ने सदैव प्रोत्साहित ही किया है। गायन में हमारी शुरू से ही रुचि रही है और गुरुद्वारों में हम कीर्तन गाते रहे हैं। जो प्यार और आशीर्वाद हमें मिला है, वह अनमोल है। '
गुरलीन ने एसडी कॉलेज-32, चंडीगढ़ से बीएससी - बायोटेक्नोलॉजी (ऑनर्स) किया है और अब वे एमबीए करने के लिए बीआईएमएम, पुणे जा रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं में 90 फीसदी अंक हासिल करने वाली गुरलीन, स्टार प्लस के अंताक्षरी लिटिल स्टार्स और ज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के प्रतिभा यूथ फेस्ट की विजेता रही हैं।
दीक्षांत ग्लोबल स्कूल के राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन और एसडी कॉलेज के साइंस फेस्ट बायो रिदम में प्रशंसा पाने वाली गुरलीन ने पंजाब यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजिकल तकनीकों में इंटर्नशिप की हुई है।