नई दिल्ली - निर्वाचन आयोग ने आज ईवीएम को हैक करने की चुनौती का आयोजन किया जो मशीन में विभिन्न सुरक्षा जांचों के विस्तृत प्रदर्शन के साथ खत्म हुआ. सुबह 10 बजे शुरू हुए चार घंटे के हैकिंग चैलेंज में कोई भी दल ईवीएम मशीनों को हैक नहीं कर पाया. दोनों पार्टियों को चार-चार ईवीएम दी गईं थीं जो दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड से लाई गईं हैं जहां उन्हें हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लगाया गया था. कई प्रमुख विपक्षी पार्टियों द्वारा दावा किया गया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ के कारण लोगों का इनमें से विश्वास उठ चुका है जिसके बाद इस चुनौती का आयोजन किया गया।
इस चैलेंज को सिर्फ दो राजनीति दलों ने ही स्वीकार किया था, चुनाव आयोग ने चैलेंज के चलते 14 ईवीएम मशीनों को हैक करने के लिए रखा था. इस चैलेंज के लिए सीपीआईएम और एनसीपी के प्रतिनिधियों को चार-चार ईवीएम मशीन दी थी. इस चैलेंज के दो घंटे बाद ही दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने साफ कर दिया है कि वह सिर्फ प्रक्रिया समझने आए थे और उन्होंने चुनाव आयोग की चुनौती स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
आपकों बता दें कि बसपा और आप ने आरोप लगाया था कि हाल के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ की गई थी और इनके जरिए भाजपा को लाभ पहुंचा. निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों के चलते आरोप लगाने वाले दलों को चुनौती दी कि वे यह साबित करके दिखाएं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है. आयोग की इस चुनौती के बाद केवल राकांपा और माकपा ही चुनौती में भाग लेने के लिए आगे आईं.
वहीं आम आदमी पार्टी ने इस आयोजन में भाग न लेने का फैसला किया बल्कि उसने इस आयोजन के समानान्तर अपनी पार्टी की ओर से आज ही हैकाथलन आयोजित करने की घोषणा की है जिसमें वह ईवीएम मशीनों को हैक करने का एक बार फिर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करेगी. आयोजन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी भाग नहीं लिया क्योंकि उसका कहना था कि आयोग ने इतनी शर्तें रखीं हैं कि इस आयोजन में भाग नहीं लिया जा सकता।