पिलानी, 27 मार्च, सीएसआईआर-सीरी, पिलानी ने सीएसआईआर-यूआरडीआईपी और सीएसआईआर-आईपीयू के सहयोग से 26-27 मार्च, 2025 को दो दिवसीय पेटेंट फाइलिंग गतिविधि बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का उद्देश्य वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को पेटेंट फाइलिंग की प्रक्रिया, बौद्धिक संपदा प्रबंधन तथा नवाचार संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करना था। गोष्ठी में बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और शोध विद्यार्थियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान पेटेंट फाइलिंग और बौद्धिक संपदा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए। आमंत्रित वक्ताओं में डॉ. किशोर श्रीनिवासन, उत्कृष्ट वैज्ञानिक एवं प्रमुख, सीएसआईआर-यूआरडीआईपी; डॉ. प्रफुल्ल मलवडकर, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख-पीएमई, सीएसआईआर-यूआरडीआईपी; श्री पी. वेंकटारमन, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-यूआरडीआईपी; डॉ. गौरव कृष्णन, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईपीयू तथा डॉ. कपिल आर्य, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईपीयू शामिल थे।
विशेषज्ञों ने पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया, बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की सुरक्षा, नवीन तकनीकों के पेटेंटकरण तथा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में पेटेंट की भूमिका जैसे विविध विषयों पर गहन चर्चा की। प्रतिभागियों को अलग-अलग सत्रों में पेटेंट से जुड़ी रणनीतियाँ, कानूनी पहलू, पेटेंट ड्राफ्टिंग और आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई।
बैठक के समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. पी.सी. पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में बौद्धिक संपदा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनुसंधान एवं नवाचार की सुरक्षा और व्यावसायिक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए पेटेंट फाइलिंग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए पेटेंट प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इस आयोजन का सफल संचालन डॉ. नीरज कुमार, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, आईपी यूनिट, सीएसआईआर-सीरी द्वारा किया गया। समापन समारोह के दौरान डॉ. पंचारिया ने आमंत्रित विशेषज्ञों को संस्थान की ओर से शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।