सीएसआईआर-सीरी द्वारा विकसित 6 प्रौद्योगिकियाँ उद्योगों को सौंपी गईं
पिलानी/दिल्ली, 7 जनवरी, 2025, सीएसआईआर-सीरी (केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) द्वारा विभिन्न उद्योगों को छ: उन्नत तकनीकों का सफलतापूर्वक हस्तांतरण किया गया। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नई दिल्ली में डीएसआईआर (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय सूद और सीएसआईआर की महानिदेशक (सचिव, डीएसआईआर) श्रीमती एन. कलैसेल्वी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों के अलावा इस अवसर पर सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी.सी. पंचारिया, जयपुर परिसर के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. साई कृष्णा, प्रौद्योगिकी व्यवसाय संवर्धन समूह प्रमुख डॉ. मनीष मैथ्यू और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सत्यम श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। महानिदेशक डॉ कलैसेल्वी ने डॉ पंचारिया को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए बधाई दी।
संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित ‘आईओटी सक्षम एंडोस्कोप फॉर मिनिमल इनवेसिव सर्जरी’ यलो मेडिप्लस प्राइवेट लिमिटेड को, ‘आईओटी सक्षम फील्ड डिप्लॉयमेंट किट फॉर वाटर क्वालिटी टेस्टिंग’ नागपुर पॉलिफिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को, ‘हाई इंटेंसिटी लाइट सोर्स फॉर मिनिमल इनवेसिव सर्जरी’ डिवाइन मेडिटेक को, दुग्ध की मिलावट का पता लगाने के लिए विकसित ‘क्षीर स्कैनर’ केआर इलेक्ट्रॉनिक्स, जयपुर को, दूध के पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी देने वाली ‘क्षीर एनालाइजर’ टेक्नोलॉजी केआर इलेक्ट्रॉनिक्स, जयपुर को तथा ‘अफोर्डेबल पीसीआर’ सिडेक्स लेबोरेटरी सॉल्यूशन्स, चेन्नई को हस्तांतरित की गईं।
इन तकनीकों में स्वास्थ्य, जल गुणवत्ता परीक्षण और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, आईओटी सक्षम एंडोस्कोप फॉर एमआईएस और हाई इंटेंसिटी लाइट सोर्स न्यूनतम हस्तक्षेप (MIS) वाली सर्जरी में दक्षता बढ़ाएंगे। क्षीर स्कैनर और क्षीर एनालाइजर दुग्ध गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रभावी उपकरण हैं, जो दूध में मिलावट की त्वरित और सटीक पहचान करते हैं। वहीं, आईओटी सक्षम फील्ड डिप्लॉयमेंट किट पानी की गुणवत्ता के फील्ड परीक्षण के लिए और अफोर्डेबल पीसीआर जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और चिकित्सा निदान में एक सस्ती और उपयोगी तकनीक के रूप में उभर सकते हैं। सीएसआईआर-सीरी का यह कदम भारत में उन्नत तकनीकी समाधानों के विकास और औद्योगिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा। संस्थान की इस उपलब्धि के लिए डॉ पंचारिया ने सभी वैज्ञानिकों एवं उनकी टीमों को बधाई दी।