विकसित भारत@2047 के लिए फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में हुआ शामिल
आईआईटी-गुवाहाटी में चल रहा है विज्ञान महोत्सव 'आईआईएसएफ-2024
पिलानी 2 दिसंबर - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2024) के दौरान, सीएसआईआर-सीरी ने अपनी स्वदेशी एलईडी तकनीक का प्रदर्शन किया, जो ‘प्रदर्शन और प्रकाश प्रौद्योगिकी’ के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी विकास है और भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी। सीरी का यह नवाचार विज्ञान महोत्सव की थीम, "विकसित भारत@2047 के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए फ्रंटियर" के अनुरूप है और 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' अभियानों के माध्यम से भारत की आत्मनिर्भरता मजबूती प्रदान करता है।
संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. मनीष मैथ्यू, श्री अशोक चौहान, डॉ. सुचंदन पाल के नेतृत्व में सीएसआईआर-सीरी की समर्पित तकनीकी जनशक्ति द्वारा विकसित की गई इस तकनीक ने एलईडी निर्माण और अनुप्रयोगों में एक बेंचमार्क स्थापित किया है जिससे भविष्य में कई औद्योगिक और उपभोक्ता नवाचारों का मार्ग प्रशस्त होगा।
मीडिया तथा महोत्सव में उपस्थित गणमान्य लोगों से चर्चा करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने कहा कि भारत में स्वदेशी एलईडी तकनीक विकसित करने में कई तकनीकी चुनौतियों को दूर करना शामिल है जैसे सामग्री संबंधी चुनौतियाँ, फेब्रिकेशन प्रक्रिया, पैकेजिंग और एकीकरण, परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण और लागत को कम रखना। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए स्वदेशी एलईडी का विकास किया है।
गौरतलब है कि यह स्वदेशी एलईडी कम बिजली की खपत करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल उद्योग, चिकित्सा उपकरणों, कृषि अनुप्रयोगों, संचार प्रौद्योगिकियों तथा प्रतिरक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहायक होगी। आईआईएसएफ-2024 के दौरान, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने इस तकनीक की सराहना की है। यह स्वदेशी विकास वैश्विक एलईडी बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।