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क्या नवरात्रि में विवाह कर सकते हैं?

Updated on Wednesday, March 25, 2015 10:34 AM IST

चंडीगढ़ - सामान्यतः जन साधारण में यह प्रबल धारणा है कि नवरात्रि के दौरान, कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त जाने भी किया जा सकता है। इस धारणा का अनुमोदन काफी धर्म एवं ज्योतिष मर्मज्ञ भी करते हैं। इसी धारणा के अनुसार कई परिवार, विवाह का आयोजन भी इसी अवधि में रख लेते है। उनका विश्वास यही रहता है कि मां का नाम लेकर विवाह कर दो सब ठीक होगा। हालांकि इस विश्वास में कोई दो राय नहीं हो सकती फिर भी एक अन्य मतानुसार नवरात्रि के दौरान विवाह करना उचित नहीं है।

 

यों तो इस वर्ष नवरात्रि की अवधि में वैसे भी विवाह का कोई ज्योतिषीय दृष्टि से मुहूर्त नहीं है फिर भी इन 9 दिनों के अंदर विवाह करना क्यों वर्जित माना गया है ? 

 

वास्तव में नवरात्रि का पर्व, स्वच्छता, पवित्रता, सादगी, सात्विकता, आत्मिक शारीरिक एवं मानसिक शुद्धता, ब्रहमचर्य पालन, सादगी से जुड़ा हुआ है। इसी के लिए व्रत का पालन किया जाता है। अनेक उपासक कपड़े धोने, शेव करने, श्रंगार करने, मदिरा सेवन, मांसाहार, संसर्ग, चारपाई पर सोने आदि तक से परहेज करते हैं ताकि व्रत ख्ंडित न हो तथा नवरात्रि में की गई आराधना का फल प्राप्त हो सके।

 

चूंकि विवाह का उदेष्य संतान प्राप्ति व वंश वृद्धि है और इस अवधि में विवाह का अभिप्राय है परिवार तथा कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों के संयम पर कुठाराघात करना। वैसे भी नवरात्रि के व्रत में रात्रि का और भी अधिक महत्व है और अधिकांश विवाह रात्रि में ही संपन्न होते हैं। यही नहीं नवरात्रि में कन्याओं एवं महिलाओं की अधिकतम भागेदारी रहती है जिसके कारण न तो व्रत पालन ही ठीक से हो पाता है और न ही विवाह का आनंद ही लिया जा सकता है। अतः नवरात्रि में विवाह न किया जाए तो ही तर्कसम्मत व शास्त्र सम्मत रहता है। 


अधिक जानकारी के लिए संपकऱ् करें मदन गुप्ता सपाटू , ज्योतिशविद् , चंडीगढ़ , मो0 98156-19620

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