चण्डीगढ़- राजस्थान के जालौर में नए श्री विष्णु दशावतार मंदिर को प्राचीन मूर्तियों को स्थापित करने के लिए बनाया गया था। यहां इसके भव्य उद्घाटन से जुड़े पांच दिन के समारोहों में लाखों श्रद्धालु आए। बहुत से लोगों का ये मानना है कि ये मंदिर निकट भविष्य में एक धाम बन जाएगा, विशेषकर इसलिए क्योंकि इसे पूरे देश के कुछ सबसे वरिष्ठ पुजारियों ने अपना आर्शीवाद दिया है।
पांच दिन के इन समारोहों में पुजारियों, श्रद्धालुओं और स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में आरतियां, हवन और मंत्रोच्चार हुए। लोक गाथाओं के अनुसार भगवान विष्णु को हिन्दू परम्परा के अनुसार सर्वोच्च देवी-देवताओं में से एक माना जाता है। अन्य श्रद्धालुओं के अलावा
आदि शंकर के अनुयायी विष्णु को ईश्वर के पांच प्राथमिक रूपों में से एक मानते हैं और उनका सर्वोच्च स्थान हिन्दुओं के यजुर्वेद, ऋगवेद और भगवद्गीता जैसे पवित्र ग्रंथों में मौजूद है।
मंदिर के प्रमुख पुजारी ने इस श्रद्धा स्थल को वेद मंत्रों और महोत्सव में हुए अनुष्ठानों के बीच आम लोगों के लिए खोल दिया। पूरे देश से आए लाखों श्रद्धालु इस दैवी घटना को देखने के लिए उपस्थित हुए। पहले दिन आई श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए महोत्सव के अध्यक्ष, सिरोही के हिज रॉयल हाइनैस महाराजा दरबार साहिब ने कहा, ‘महोत्सव में आए श्रद्धालुओं की संख्या देख कर हृदय गद्गद् हो जाता है और इस मंदिर तथा इसके श्रद्धालुओं पर भगवान विष्णु का आर्शीवाद भरपूर बरस रहा है। अब श्री विष्णु भगवान दशावतार मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए खुल चुके हैं और मैं आशा करता हूं कि ये मंदिर लोगों की आध्यात्मिक यात्रा में एक मील का पत्थर बन जाएगा।’