चंडीगढ़ - पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई गई मुहिम के दौरान मंगलवार को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आर.टी.ए.) बठिंडा के दफ़्तर में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें व्यापारिक वाहनों के दस्तावेज़ लेने और पासिंग से सम्बन्धित फाइलों को मंज़ूर करने के लिए एजेंटों और लोगों से लाखों रुपए की वसूली की जा रही थी।
इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो ने आर.टी.ए. बठिंडा के लेखाकार दिनेश कुमार और उसके प्राईवेट साथी राजू सिंह राजी को 1000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त दोषियों को हरप्रीत सिंह निवासी बठिंडा की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है। अधिक विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो से सम्पर्क कर दोष लगाया है कि उपरोक्त मुलजि़मों ने आर.टी.ए. दफ्तर में अलग-अलग वाहनों से सम्बन्धित फाईलों/ दस्तावेज़ों आदि को प्राप्त करने और नवीनीकरण के लिए उसकी 10 फाइलों को क्लियर या ऐंडोर्स करने के लिए 1000 रुपए रिश्वत के तौर पर माँगे हैं। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि आर.टी.ए. दफ्तर के कर्मचारी फाइलों को मंज़ूरी देने या क्लियर करने के लिए 100 रुपए प्रति फाइल की माँग कर रहे हैं और इस दफ़्तर में आम लोगों और अलग-अलग एजेंटों द्वारा रोज़ाना 100 के करीब फाइलें जमा करवाई जाती हैं और इस तरह वह मोटी रिश्वतों की वसूली करते हुए हर महीने दस्तावेज़ लेने के बदले लाखों रुपए वसूल रहे थे।
प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद बठिंडा रेंज से विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया है और उक्त दोनों मुलजि़मों को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में शिकायतकर्ता से 1000 रुपए की रिश्वत लेते हुए मौके पर ही काबू कर लिया गया है।
इस सम्बन्धी दोनों मुलजि़मों के खि़लाफ़ विजीलैंस ब्यूरो के थाना बठिंडा रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है और जांच के दौरान इस दफ़्तर के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जायेगी।