चंडीगड़ - मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. किरपाल सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय निरीक्षण कमेटी कायम करने का ऐलान किया है जो वर्ष 2014 में गठित किये पैनल की तरफ से इतिहास के पाठयक्रम की समीक्षा करने संबंधी की सिफारशों की जांच पड़ताल करने के साथ-साथ भविष्य में सभी ऐतिहासिक किताबों का भी निरीक्षण करेगी।
इस मसले पर अनावश्यक राजनैतिक रोटियां सेकने पर विरोधी पक्ष पर बरसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐतिहासिक किताबों के राजनीतिकरण को रोकने के लिए स्थायी कमेटी कायम करने का फ़ैसला किया है जो पाठयक्रम को तैयार करने और इस विषय पर त्रुटिरहित किताबें यकीनी बनाने में कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस मामले पर पैदा हुए विवाद को राजनैतिक तौर पर प्रेरित बताते हुये रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में अकाली -भाजपा सरकार दौरान एन.सी.ई.आर.टी. के पाठयक्रम मुताबिक पाठयक्रम और किताबें प्रकाशित करने संबंधी निरीक्षण करने का फ़ैसला किया गया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यहाँ प्रैस कान्फ्ऱेंस दौरान कहा कि वास्तव में इससे पहले इतिहास की कोई किताब ही नहीं थी और जिसका जि़क्र अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की तरफ से किया जा रहा है, वह केवल गाईड है।
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट करते हुये कहा कि सिख गुरू साहिबान से संबंधी सिलेबस हटाया नहीं गया और सिख गुरू साहिबान और बाबा बन्दा सिंह बहादुर से सम्बन्धित सिलेबस को क्रमवार ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में शामिल किया गया है।
इस उपरांत मुख्यमंत्री की तरफ से एलानी कमेटी संबंधीे सरकारी प्रवक्ता ने विस्तार में जानकारी दी। प्रो. किरपाल सिंह के अलावा यह कमेटी गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति प्रो. जे.एस. ग्रेवाल, पूर्व प्रो -वाइस चांसलर गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी प्रो. पृथीपाल सिंह कपूर और पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास के ऐमीराईटस प्रोफ़ैसर इन्दु बांगा पर अधारित होगी और इस कमेटी में दो प्रसिद्ध इतिहासकार शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से नामज़द किये जाएंगे।
यह कमेटी वर्ष 2014 में गठित किये माहिरों के ग्रुप की सिफारशों पर विचार करके रिपोर्ट करेगी और ग्रुप की सिफारशों के बाद ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के इतिहास के नये सिलेबस में से तबदीलियाँ भी जाँचेंगी और यदि कोई सुधार करना हुआ तो उस संबंधी अपना सुझाव देगी।
कमेटी को ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए पाठ्य पुस्तकों के विषय -वस्तु को जांचने और यदि तथ्यों में और अन्य गलतियाँ हों तो उनको सुधारने संबंधीे सुझाव देने के साथ-साथ एन.सी.ई.आर.टी. की तरफ से निर्धारित इतिहास के सिलेबस के मुताबिक करने के लिए कहा गया है।
इनके अलावा कमेटी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में सभी कक्षाओं के लिए इतिहास की पाठ्य पुस्तकों के सिलेबस और विषय -वस्तु का निरीक्षण करने और तथ्यों में गलती न रहने को यकीनी बनाने की निगरानी करने की हिदायत की गई है।