एस ए एस नगर - शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी ने विभाग के समस्त अधिकारियों को विभाग की कार्यप्रणाली में तेज़ी लाकर कामकाज में देरी समाप्त करने, भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सेवांए देने एवं परिणामजनक कार्य करते हुये बेहतर कारगुजारी दिखाने के आदेश दिये । उन्होंने यह निर्देश आज यहां पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मोहाली परिसर में विभाग के मुख्यालय स्थित समस्त अधिकारियों और क्षेत्र में तैनात समस्त मंडल एवं जिला शिक्षा अधिकारियों (सकैंडरी एवं एलीमैंटरी) के साथ बैठक के दौरान दिये।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग राष्ट्र के भविष्य बच्चों से जुड़ा हुआ है और इसलिये इससे जुड़े अधिकारियों को अपनी जिम्मेवारी एवं जवाबदेही तय करनी होगी और ढीली एवं सुस्त कारगुजारी सहन नही की जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा शिक्षा विभाग को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है और हाल ही में आये कमजोर परिणामों पर भी उन्होंने चिंता व्यकत करते हुये विभाग को हर संभव मदद देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मुख्यालय के अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षा विभाग का मुख्य केंद्र हैं और उनको बेहतर कार्य दिखाने की चुनौती कबूल करते हुये प्रशासनिक कारगुजारी दिखाने के साथ स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने के लिये पहलकदमियां करनी पड़ेंगी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकारी हर प्रकार की फीड बैक और अच्छे के लिये सुझाव निरंतर देते रहें ताकि कारगुजारी में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से जारी निर्देशों पर तुरंत पूरा पालन किया जाये और देरी बर्दाश्त नही की जायेगी।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि नीतिगत फैसलों संबंधी विभाग का कोई भी अधिकारी चाहे वह मुख्यालय या क्षेत्र में तैनात हो, कोई भी पत्र जारी करने से पूर्व उच्च अधिकारियों की स्वीकृति अवश्य ले। उन्होंने कहा कि बच्चों से जुड़े होने के कारण शिक्षा विभाग का हर कामकाज बहुत संवेदनशील है और इसको करते हुये कोई भी लापरवाही ना की जाये। उन्होंने कहा कि विभाग से संबंधित फील्ड में से किसी भी प्रकार का डाटा एकत्र करने के लिये कभी भी स्कूलों को एकदम निर्देश जारी कर अनावश्यक दबाव ना डाला जाये बल्कि समय समय पर विभाग का डाटा निरंतर अपडेट किया जाये ताकि किसी भी समय किसी भी डाटा को एकत्र करने की कठिनाई ना आये। जिला शिक्षा अधिकारी के पास जिले से संबंधित शिक्षा विभाग की प्रत्येक जानकारी अपने पास रखी होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा हाल ही में घोषित परिणामों में ग्रेस अंक ना देने के फैसले को बड़ा मानते हुये कहा कि गुणात्मक शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये यह बढिय़ा रूझान हैं जिसके साथ विद्यार्थी को अपनी वास्तविक काबलियत का पता लगेगा। इसके साथ ही कोई भी विद्यार्थी अपनी काबलियत अनुसार अपने भविष्य का सही फैसला ले सक ने में सक्षम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मैट्रिक और १२वीं की परीक्षा में कंपार्टमैंट वाले विद्यार्थीयों का एक वर्ष बचाने के लिये २३ जून से ही री-अपीअर परीक्षांए ले रहें हैं जिसके लिये निम्न स्तर पर सभी प्रबंध सुचारू ढंग से संपूर्ण कर लिये जायें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. जी वजरालिंगम ने बोलते हुये कहा कि किसी भी अध्यापक, कर्मचारी या सेवा निवृत कर्मचारी से संबंधित कोई भी कार्य हो, वह अपने स्तर पर पूरा कर लिया जाये और उनको किसी भी कार्य के लिये मुख्यालय ना आना पड़े। उन्होंने अदालती मामलों को गंभीरतापूर्वक लेते हुये कहा कि यदि किसी भी अधिकारी की लापरवाही के कारण अदालती आदेशों की उल्लंघना होती है तो संबंधित अधिकारी विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा प्रदीप सभरवाल ने शिक्षा मंत्री को भरोसा दिलाया कि विभाग द्वारा उनके द्वारा जारी निर्देशों को लागू किये जायेंगे और गुणात्मक शिक्षा तथा बेहतर शिक्षा ढांचे की प्राप्ति के लिये मिलकर कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर निदेशक (प्रशासन) परमजीत सिंह, डीपीआई (माध्यमिक शिक्षा) सुखदेव सिंह काहलों, डीपीआई (प्राथमिक शिक्षा) इंद्रजीत सिंह, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव जे आर महरोक, अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. गिन्नी दुग्गल, उप निदेशक धरम सिंह और जगतार सिंह कुलहडिय़ा सहित समस्त अधिकारी सहित सी ई ओज़ एवं डी ई ओज़ उपस्थित थे।