चंडीगढ़ । चंडीगढ़ की खूबसूरत वादियों में बसंत की ताज़गी और रंगों की छटा के बीच चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी ने चंडीगढ़ लिट फेस्ट लिटराटी – स्प्रिंग एडिशन 2025 का आयोजन किया। सीआईआई हेडक्वार्टर, सेक्टर 31, चंडीगढ़ में आयोजित इस साहित्यिक महोत्सव ने कला और साहित्य का खूबसूरत संगम प्रस्तुत किया।
फेस्टिवल ऑफ आइडियाज़’ के थीम पर आधारित इस एक दिवसीय लिटराटी आयोजन में देशभर से लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इसमें विचारोत्तेजक चर्चाएं, कहानी बयां करने कला और रचनात्मक प्रेरणा के सत्र शामिल रहे।
सीएलएफ लिटराटी की फेस्टिवल डायरेक्टर, सीएलएस की चेयरपर्सन और प्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सुमिता मिश्रा ने उद्घाटन भाषण में कहा कि लिटराटी – स्प्रिंग एडिशन 2025 रचनात्मकता, बौद्धिकता और कल्पनाशीलता का फेस्ट है। इस वर्ष की थीम ' फेस्टिवल ऑफ आइडियाज़’ साहित्य की उस भावना को समर्पित है जो विचार, संवाद और खोज को प्रोत्साहित करती है।
उन्होंने आगे कहा कि लिटराटी सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां प्रतिष्ठित आवाज़ों के साथ-साथ उभरती हुई प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन मिलता है। सीएलएस नए कवियों, लेखकों और विचारकों के लिए अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। युवा और अनुभवी लेखकों को एक मंच पर आकर विचार साझा करते देखना बेहद सुखद है।
लिट फेस्ट की शुरुआत एक विचारोत्तेजक सत्र ‘टीयर्स, चीयर्स एंड फीयर्स: द इमोशनल इंटेलिजेंस सर्वाइवल किट’ से हुई, जिसमें आंचल बेदी, शिवम और कर्नल सुनील प्रेम ने आज के दौर में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका और महत्व पर चर्चा की।
शिवम ने कहा कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता हमारी भावनाओं के स्रोत को समझने और उनके प्रति सोच-समझकर व समझदारी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता है।
अपनी पुस्तक 'द पावर ऑफ ह्यूमन कॉन्शियस पैटर्न' से किस्से साझा करते हुए कर्नल सुनील ने कहा कि यदि हम अपनी भावनात्मक आदतों पर नियंत्रण पा लें, तो अपने जीवन में असीमित संभावनाओं को खोल सकते हैं।
आंचल ने कहा कि बच्चों की दूसरों से तुलना करना वास्तव में उनकी क्षमता को नष्ट कर देता है। इसके बजाय, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों का मार्गदर्शन प्रेम और सहयोग के साथ करें।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अपनी पहली किताब के उद्घाटन अध्याय में ‘उरी सर्जिकल स्ट्राइक’ पर फोकस किया गया है। जनरल दुआ उस समय जम्मू और कश्मीर के कोर कमांडर थे और उन्होंने उस प्रसिद्ध सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीतिक योजना और निष्पादन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैं पूरी श्रेय उन बहादुर सैनिकों को देता हूँ जिन्होंने इस मिशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
जनरल दुआ ने उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की भी सराहना की, उनकी 'त्वरित निर्णय' के लिए। उन्होंने कहा कि मैं यह जोड़ना चाहूंगा कि उस समय के रक्षा मंत्री, स्व. मनोहर पर्रिकर ने बिना समय गवाए स्ट्राइक का आदेश दिया, और उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एवार्ड-विनिंग फोटोग्राफर रघु राय, रचना सिंह के साथ बातचीत करते हुए, फोटोग्राफी, कहानी कहने और दृश्य कला की लगातार बदलती दुनिया में अपनी अद्भुत यात्रा को साझा किया। राय ने कहा कि अगर सृजनात्मकता में दिव्यता नहीं है, तो यह सब सिर्फ व्यापार होता है—चाहे वह संगीत हो, कला हो, कविता हो या फोटोग्राफी। यह दिव्य ही है जो हमारी रचनात्मकता को जागृत करता है। बाहरी परिदृश्य को सही से पकड़ने के लिए, सबसे पहले हमें आंतरिक परिदृश्य को देखना चाहिए।