इंपीरियल इमेजिंग एंड इंटरवेंशन सेंटर ने 'रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशन एंड एडवांसमेंट्स' पर सीएमई का आयोजन किया
नीमा के सीनियर सदस्य भी सीएमई में शामिल हुए
चंडीगढ़, 23 जुलाई, 2024: नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) के वरिष्ठ सदस्यों ने इंपीरियल इमेजिंग एंड इंटरवेंशन सेंटर, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) प्रोग्राम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का विषय 'रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशन एंड एडवांसमेंट्स' था। इस सीएमई में आयुर्वेद एंड युनानी सिस्टम ऑफ मेडिसन पंजाब के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव गोयल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि आयुर्वेद, पंजाब के डायरेक्टर डॉ. रवि डूमरा गैस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में उपस्थित थे। एनआईएमए के पेट्रन डॉ. आर पी गाबा ने कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर के रूप में प्रोग्राम का संचालन किया।
इस दौरान विशेषज्ञों ने विभिन्न रोगों के उपचार में रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। सीएमई के दौरान रेडियोलॉजी में नए इंटरवेंशन और नए डेवलपमेंट पर विस्तार से चर्चा की गई। उठाए गए विषयों में घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए पीआरपी (प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा) ट्रीटमेंट, लीवर एब्सेस ड्रेनेज और एफएनएसी या फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी - शरीर में गांठ या द्रव्यमान की जांच करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक डायग्नोसिस प्रक्रिया शामिल थी। विशेषज्ञों ने फेफड़ों के कैंसर की जांच के लिए कम डोज वाले सीटी स्कैन में प्रगति पर भी चर्चा की गई।
डॉ. तेजेश्वर सिंह जुगपाल, (एमडी रेडियोडायग्नोसिस, एमएएमसी, एफवीआईआर पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़) और जो इंपीरियल इमेजिंग एंड इंटरवेंशन सेंटर के डायरेक्टर और चीफ रेडियोलॉजिस्ट हैं, ने कहा कि "इंटरवेंशनअल रेडियोलॉजी के तहत की जाने वाली मिनिमल इनवेसिव प्रोसीजर्स मेडिसन का भविष्य हैं। इस तरह के इंटरवेंशन का एक उदाहरण प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा, या पीआरपी, उपचार है जो घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या का समाधान करने में एक बड़ी पहल हो सकता है। पीआरपी प्लाज्मा एक मरीज के अपने खून से प्राप्त होता है। हम 20 मि.ली खून लेते हैं, इसे प्रोसेस करते हैं और एकत्रित खून से पीआरपी निकालने के लिए एक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं। मध्यम स्तर के घुटने के गठिया वाले रोगियों में, हम पीआरपी इंजेक्शन के माध्यम से घुटने के दर्द को कम कर सकते हैं और उपचार में मदद कर सकते हैं।"
एक अन्य इंटरवेंशन पर ध्यान दिया गया, वह था फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (एफएनएसी), एक क्लीनिकल प्रोसीजर, जिसका उपयोग शरीर में लुम्प्स या मास्सेस (गांठों या द्रव्यमान) की जांच के लिए किया जाता है। वक्ताओं ने कहा कि सीटी और यूएसजी की मदद से एफएनएसी का उपयोग करके मरीज़ के प्रभावित अंग का छोटा सा नमूना लिया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि किसी बड़ी सर्जरी की आवश्यकता नहीं है । इससे कम से कम दर्द होता है और रोगी केवल आधे घंटे के बाद घर जा सकता है।
उपस्थित प्रमुख नीमा सदस्यों में नीमा की प्रेसिडेंट डॉ. मीनू गांधी, नीमा के महासचिव डॉ. विवेक आहूजा और नीमा के कोषाध्यक्ष डॉ दीपम बत्ता शामिल थे। यह उल्लेखनीय है कि इंपीरियल इमेजिंग एंड इंटरवेंशन सेंटर को ट्राइसिटी क्षेत्र में एकमात्र स्टैंडअलोन इंटरवेंशन सेंटर के रूप में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है , जो नॉन-वैस्कुलर इंटरवेंशंस में विशेषज्ञता रखता है।