बैठक में बाल विवाह निषेध अधिनियम- 2006 के विषय में दी गई जानकारी
बाल विवाह एक दंडनीय अपराध- सोनिया सबरवाल
पंचकूला - महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डॉ सविता नेहरा की अध्यक्षता में आज अक्षय तृतीया के उपलक्ष्य में नवीन लघु सचिवालय में मीटिंग का आयोजन किया गया।
मीटिंग में बाल विवाह निषेध अधिकारी, सोनिया सबरवाल ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 मई को अक्षय तृतीया है, इस दिन बाल विवाह अधिक संख्या में होते है जोकि एक दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की शादी गैर कानूनी व् अमान्य मानी जाती हैं। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या करने में उसकी किसी भी प्रकार से सहायता करता है उसे 2 साल तक की कैद या 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होने बताया कि जिला में बाल विवाह की सूचना विभाग के कार्यालय या हेल्पलाइन नंबर 181, 112 और 1098 पर दे सकते है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम ब्लाक स्तर एवं पंचायत स्तर पर किये जायेंगे ताकि बाल विवाह जैसी कुरीति पर रोकथाम लगाई जा सके।
कानूनी सलाहकार शीनम ने वन स्टॉप सेंटर की योजना के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओ को फ्री कानूनी सुविधा की सहायता भी दी जाती है। पीड़ित महिला अपनी समस्या के समाधान के लिए वन स्टॉप सेंटर में महिला हेल्पलाइन 181 पर संपर्क कर सकती है या स्वयं भी आ सकती है।
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी निधि मलिक ने बाल संरक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि यौन अपराधों से बालकों को कैसे संरक्षण करे व पोक्सो कानून में ऐसे अपराधों के लिए अपराधियों को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा व जुर्माना का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि कोई भी ऐसा बच्चा जिसे देखरेख व सरंक्षण की जरुरत है इस प्रकार की जानकारी हेल्पलाईन नंबर 112 पर या जिला बाल सरंक्षण इकाई पर सीधा 0172-2582220 जानकारी दे सकते है।
इस अवसर पर बाल सरंक्षण समिति, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर, सुपरवाइजर व आंगनवाडी वर्कर्स भी उपस्थित रहे।