कोरोना से गड़बड़ाई वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज मांगा है। सीएम मनोहर लाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में यह मांग रखी। कोरोना के कारण मार्च व अप्रैल महीने में 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अगर महामारी जल्द खत्म नहीं हुई और हालात सामान्य होने में समय लगा तो वित्तीय नुकसान और बढ़ेगा।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद यह बात कही। सीएम के साथ डिप्टी सीएम व गृह मंत्री अनिल विज भी बैठक में शामिल रहे। दुष्यंत ने कहा कि सभी राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने-अपने राज्य की मांग के अनुरूप वित्तीय सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री महामारी की रोकथाम के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। उम्मीद है कि हरियाणा की मांग को केंद्र सरकार पूरा करेगी।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों को खरीद केंद्रों बिक्री के लिए सरसों व गेहूं लाने के एसएमएस भेजे गए थे और वे किन्हीं कारणों से मंडियों में नहीं पहुंच सके, उन्हें दोबारा एसएमएस भेजे जाएंगे। सप्ताह में खरीद का एक दिन ऐसे छूटे हुए किसानों के लिए ही रखने का निर्णय लिया गया है।
किसान सरसों व गेहूं कितनी ही मात्रा में बिक्री के लिए ला सकते हैं। इस पर किसी भी प्रकार की कोई सीमा नहीं है। रविवार को पानीपत मंडी में एक किसान 1609 क्विंटल गेहूं लेकर आया था और उसका पूरा गेहूं खरीदा गया। पहले दिन खरीदी गई सरसों का भुगतान भी किसानों के बैंक खातों में जमा कर दिया गया है। हरियाणा ने केंद्र को किसानों को वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए पहले ही लिखा है। एक पत्र पंजाब सरकार भी लिख चुकी है। केंद्र के निर्णय अनुसार आगे बढ़ेंगे।