फरीदकोट - पंजाब समेत पूरे देश में बिजली का उत्पादन कम व महंगा होता जा रहा है। ऐसे में सौर ऊर्जा सबसे सस्ता एवं विस्तारित विकल्प होने के कारण इसका तेजी से विस्तार हो रहा है। पहले जहां इसकी पहुंच एक सीमित बाजार तक थी वहीं अब यह हर घर में दस्तक दे रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के दौर में सौर ऊर्जा को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना बेहद जरूरी है।
उक्त विचार पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री में पंजाब चैप्टर के को-चेयरमैन एवं हरटेक सोलर के निदेशक सिमरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को दशमेश इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेंटल साइंस में हरटेक सोलर द्वारा स्थापित 600 किलोवाट क्षमता वाले सोलर रूफ टॉप प्लांट के उदघाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि इस रूफ टॉप सोलर प्लांट के माध्यम से हर साल 9.82 लाख यूनिट स्वच्छ बिजली पैदा होगी, जिससे 16,350 टन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन होगा।
इस सोलर परियोजना से हर साल जहां 15 लाख पेड़ों को बचाया जा सकेगा वहीं दशमेश डेंटल कॉलेज के करीब 500 विद्यार्थियों की जरूरत को पूरा करते हुए बिजली बिल में करेगी 80 से 90 फीसदी की कटौती होगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के संस्थानों में बिजली की खप्त कहीं अधिक होती है। ऐसे में वह सौलर परियोजनाओं को अपनाकर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
इससे पहले सोलर प्लांट को चालू करने की रस्म अदा करते हुए गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली के उपकुलपति प्रो.डाक्टर महेश वर्मा ने कहा कि बाबा फरीद की धरती फरीदकोट के लिए यह गौरव की बात है कि दशमेश डेंटल साइंस कालेज अपनी तरह का पहला शैक्षणिक संस्थान हैं जिसने बिजली के विकल्प के रूप में सौलर को अपनाया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नई दिल्ली स्थित एम्स में सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन के चीफ प्रो.डाक्टर ओ.पी. खरबंदा ने कहा कि भूगौलिक दृष्टिकोण से पंजाब में 365 दिनों से 300 से अधिक दिनों तक धूप रहती है। ऐसे में यहां सौलर रूफ टॉप प्लांट की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर इंडियन इलैक्ट्रीकल एंड इलैक्ट्रोनिक्स मैन्यूफैक्चरस एसोसिएशन नार्दन कौंसिल के चेयरमैन हरटेक सिंह, कालेज निदेशक डॉ.गुरसेवक सिंह, प्रिंसीपल एसपीएस सोढी समेत कई गणमान्य मौजूद थे।