किसानों को खाद मिलता नहीं और एमएसपी भाजपा देती नहीं : हुड्डा
जिलों में मांग का 50 प्रतिशत भी खाद नहीं पहुंचा, थानों में लगी किसानों की लाइनें : हुड्डा
विधानसभा सत्र में उठाएंगे खाद और एमएसपी न मिलने के मुद्दे : हुड्डा
पार्टी हाईकमान के पास भेजे जा चुके नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम, महाराष्ट्र चुनाव के बाद हो सकता है ऐलान : हुड्डा
एमएसपी तय करके पराली की भी सरकार करे खरीद, प्रदूषण के लिए केवल किसानों को जिम्मेदार ठहराना अनुचित : हुड्डा
रोहतक, 9 नवंबरः पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि एक महीने में ही भाजपा के झूठे दावों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है। पूत के पांव पालने में दिखाई देने लगे हैं। मौजूदा सरकार ने अभी तक केवल दो ही काम किए हैं, किसानों को खाद मिलता नहीं और एमएसपी सरकार देती नहीं। हालात यह हो चुके हैं कि मांग का 50 प्रतिशत खाद भी जिलों में नहीं पहुंचा है। डीएपी को लेकर इतनी मारामारी है कि थानों में इसे बंटवाना पड़ रहा है। वहीं, धान की फसल एमएसपी से 300-400 रुपए कम में बिक रही है। कांग्रेस द्वारा आगामी विधानसभा सत्र में इन दोनों ही मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक स्थित आवास में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि भाजपा 10 वर्ष में भी खाद का उचित प्रबंधन नहीं कर पाई है। कृषिमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि खाद की कोई किल्लत नहीं है। यदि किल्लत नहीं है तो फिर क्यों किसानों को पूरी-पूरी रात लाइन में लगना पड़ रहा है? क्यों थानों के अंदर खाद बंटवाई जा रही है? क्यों महिलाओं को घर-खेत छोड़कर खाद लेने के लिए आना पड़ रहा है?
हुड्डा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वायु प्रदूषण के लिए पूरी तरह से पराली जलाने को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। किसानों का तो एक छोटा सा रोल है। छोटे किसानों के सामने पराली प्रबंधन बड़ी चुनौती है। सरकार का फर्ज बनता है कि फसल की तरह एमएसपी तय करके पराली खरीद की जाए और उससे खाद, बिजली या अन्य उत्पाद बनाए जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के हारे हुए नेता कांग्रेस पर टिप्पणी कर रहे हैं। भाजपा के इन नेताओं को कांग्रेस की चिंता छोड़कर अपनी हार के कारणों की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने एक वायरल वीडियो दिखाते हुए कहा कि भाजपा ने चुनावों में खुलकर पैसे बांटे हैं।
कांग्रेस ने हार के कारणों को जानने के लिए कर्ण सिंह दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि फसल के वक्त के बाद हलका वाइज कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम किया जाएगा। हम चुनाव हारे हैं, लेकिन लड़ाई नहीं हारे हैं। प्रदेश के मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायकों ने नाम तय करके हाईकमान को दिए हुए हैं। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान इस पर फैसला ले सकती है। यह हाईकमान के ऊपर निर्भर करता है। विधानसभा में कांग्रेस के 37 मजबूत विधायक हैं, जो बखूबी प्रदेश की समस्याओं को लेकर आवाज उठाएंगे।