-प्रसिद्ध अभिनेता बोमन ईरानी के संबोधन ने उद्घाटन समारोह को रोचक बनाया
-हमारी सेना की वीरता प्रेरक कहानियों का बड़ा स्त्रोत है : ईरानी
चंडीगढ़: 08 नवंबर, 2024: आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) द्वारा बहुप्रतीक्षित साहित्यिक उत्सव - अभिव्यक्ति-2024 - का आज खेत्रपाल ऑफिसर्स मेस एंड इंस्टीट्यूट, मुख्यालय पश्चिमी कमान, चंडीमंदिर सैन्य स्टेशन में शानदार शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में प्रख्यात अभिनेता बोमन ईरानी विशेष रूप से उपस्थित हुए, जबकि औपचारिक उद्घाटन सुनीता द्विवेदी, अध्यक्ष आवा; शुचि कटियार, क्षेत्रीय अध्यक्ष आवा और पूर्व मुख्य सेना अध्यक्ष वी पी मलिक की पत्नी रंजना मलिक ने दीप प्रज्वलित करके किया।
तीन दिवसीय साहित्यिक उत्सव 'आवा अभिव्यक्ति साहित्य महोत्सव, 2024' का समापन 10 नवंबर, 2024 को होगा, जिसमें कई प्रसिद्ध हस्तियाँ भाग लेंगी - मशहूर हस्तियाँ, लेखक, कहानीकार, कवि, कलाकार और बुद्धिजीवी - जो इस जीवंत माहौल में अपना योगदान देंगे। यह कार्यक्रम सभी के लिए खुला है, जो समुदाय को पुस्तकों और विचारों की दुनिया में डूबने के लिए आमंत्रित करता है।
सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, राष्ट्रीय अध्यक्ष आवा ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल प्रशंसित लेखकों, कहानीकारों, पत्रकारों, मशहूर हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और पढ़ने के शौकीनों को एक छत के नीचे लाता है, बल्कि ट्राइसिटी के निवासियों को इस जीवंत उत्सव में पूरी तरह से शामिल होने का एक उत्कृष्ट अवसर भी प्रदान करता है।
अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बचपन के संघर्ष से लेकर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने तक, मुन्ना भाई एमबीबीएस और 3 इडियट्स फेम अभिनेता बोमन ईरानी ने कहा "मुझे ऐसे बेहद सम्मानित दर्शकों के बीच होने का सौभाग्य मिला है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। उनकी वीरता कहानियों का बड़ा स्त्रोत हैं और यह इतनी संख्या में उपलब्ध हैं कि अगले 50 सालों तक सुनाई जा सकती हैं ।"
'अन्वेषण, अभिव्यक्ति और अनुभव' थीम पर आयोजित इस महोत्सव के पहले दिन सेना के साहित्यिक रत्नों से जुड़ी ज्ञानवर्धक पैनल चर्चाएँ हुईं। नित्या शुक्ला द्वारा संचालित पैनलिस्ट अनुजा चौहान, अदिति माथुर कुमार और मीनू त्रिपाठी ने 'टाइमलेस वॉयस: महिला लेखकों का जश्न और सेना के जीवनसाथियों के योगदान' विषय पर शानदार चर्चा की। प्राची जोशी जौहर के साथ बातचीत में अमीश त्रिपाठी ने 'पौराणिक आधुनिकता: भारतीय किंवदंतियों की पुनर्कल्पना' पर प्रकाश डाला और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोणों के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया।
पैनलिस्टों ने वित्तीय विषय पर अपने विचार साझा किए। कर्नल अवनीश शर्मा के साथ बातचीत में नीलम कुलकर्णी ने 'भारत का सभ्यतागत इतिहास: एक शानदार मोज़ेक' विषय पर चर्चा करते हुए भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अनछुए आयामों को छुआ।
अभिव्यक्ति-2024 के पहले दिन कई पुस्तकों का विमोचन भी हुआ, जैसे मीनू त्रिपाठी की ‘आलेख’, सोनी सांगवान द्वारा संपादित पुस्तक ‘अभया’, जिसमें 27 भारतीय महिलाओं के जीवन को दर्शाया गया है, जिन्होंने जीवन में बदलाव लाया है, और शिखा अखिलेश सक्सेना की ‘कारगिल योद्धा’।अध्यक्ष आवा ने दो आवा अचीवर्स को सम्मानित किया। आवा द्वारा सहायता प्राप्त व्यक्तियों और संगठनों की पुस्तकों और रचनात्मक वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
अभिव्यक्ति-2024 न केवल प्रशंसित लेखकों, कहानीकारों, पत्रकारों, मशहूर हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और पढ़ने के शौकीनों को एक छत के नीचे लाया है, बल्कि आसपास के निवासियों को इस जीवंत उत्सव में पूरी तरह से शामिल होने का एक शानदार अवसर भी प्रदान करता है।