आईटीबीपी प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र भानू में देशभर से चयनित 604 हिम वीरांगनाएं ने ली देश रक्षा की शपथ
प्रशिक्षण में हथियार चलाना, युद्ध कौशल, मैप रीडिंग, आत्मरक्षा, आतंक विरोधी अभियान तथा आंतरिक सुरक्षा की ली ट्रेनिंग
पंचकूला, 28 सितम्बर - आईटीबीपी वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ के एडीजी श्री संजीव रैना ने कहा कि बीटीसी परिसर में 604 महिला सिपाहियों के शपथ लेने की दहाड़ आज देश की आखिरी चौकी तक पहुंची होगी। परेड करते समय पैरों के चलने की धमक भी आईटीबीपी महसूस कर रहा हैं। ईमानदारी से मेहनत करके आगे बढ़ते हुए ये बेटियां और तरक्की करेंगे। उन्होंने परेड में शामिल महिला सिपाहियों के परिजनों से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों के इस मुकाम को गांव, मोहल्ले, देहात में जरूर पहुंचाएं। जो आप और हमें गर्व से जीने का मौका दे रही हैं।
श्री संजीव रैना आज आईटीबीपी प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भानू (पंचकूला) हरियाणा में आज 489वें जीडी महिला बैच की 604 हिम वीरांगनाओं के दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। महानिरीक्षक श्री आनंद पाल सिंह निंबाड़िया, उपमहानिरीक्षक ब्रिगेडियर जीएस गिल तथा सेनानी (प्रशिक्षण) प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भानू श्री सुनील कांडपाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
एडीजी ने बताया कि आज हमारी बेटियां ने गरजती हुई आवाज में शपथ लेकर, परेड के दौरान उमदा प्रदर्शन किया। जो महिला और पुरूष के भेद को बराबर करने वाला रहा। उन्होंने कहा कि वो खुद भी पहले इसी ग्राउंड की परेड में शामिल हुए, फिर परेड करवाने वालों में शामिल होने का मौका मिला और आज परेड का रिव्यू करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत बने रहिएगा तो कोई शक्ति रोक नहीं पाएगी और सफलता हर जगह आपके कदम चूमेगी।
भव्य परेड के बाद इन नव आरक्षियों ने राष्ट्रीय ध्वज एवं बल के निशान के तले अपने-अपने धर्म ग्रन्थों को साक्षी मानकर शपथ ग्रहण की। सीवी ओ डॉ. वेजू, ने इनको यह शपथ दिलाई। इसके बाद नव आरक्षियों ने परेड के माध्यम से अपने कौशल की प्रस्तुति दी।
महानिरीक्षक श्री आनंद पाल सिंह निंबाड़िया ने बताया कि इस कोर्स की अवधि 44 सप्ताह थी, जिसको 6 नवम्बर 2023 से शुरू किया गया। इस कोर्स के दौरान इनको हथियार चलाना, युद्ध कौशल, मैप रीडिंग, आत्मरक्षा, आतंक विरोधी अभियान तथा आंतरिक सुरक्षा के बारे में सिखाया गया है।
श्री निंबाड़िया ने कहा कि मेरे पास एक बेटी है, अब 605 हो गई। मेरे पास कोई भी रंगरूट नहीं था, मैंने हर महिला सिपाही को अपनी बेटी माना है और उन्हें ऐसा बनाया कि वो किसी परिस्थिति में खुद को संभाल लेंगी। उन्होंने महिला सिपाहियों से कहा कि वो किसी भी काम करने से पहले अपने ट्रेनिंग के आईजी, बटालियन के कमांडर और माता-पिता के बारे में सोचते हुए कदम उठाएं कि इस कदम से उनका सिर गर्व से उठेगा। उन्होंने कहा कि कि आपने जो इस संस्थान में कठोर मेहनत कर जो शारीरिक क्षमता व ज्ञान अर्जित किया है, इसे और आगे बढ़ाते हुए अपने जीवन में और अधिक सीखने का प्रयास करेंगी।
बैच में हरियाणा प्रदेश की 9 महिला सिपाही
489वें बैच में 28 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 604 प्रशिक्षणार्थियों में से उत्तराखंड से 95 उत्तरप्रदेश से 53, बिहार से 49,असम से 46, झारखंड से 40, केरल से 40, महाराष्ट्र से 30, उड़ीसा से 28, अरुणाचल प्रदेश 21,गुजरात से 20, छतीसगढ़ से 18, आंध्रप्रदेश से 18, राजस्थान से 17, जम्मू व कश्मीर से 17, तमिलनाडू से 16, पश्चिम बंगाल से 16, मध्य प्रदेश से 15, कर्नाटक से 14, लद्दाख से 12, हिमाचल प्रदेश से 10, हरियाणा से 9, दिल्ली से 4, मेघालय से 4 पंजाब से 3,नागालैंड 3, तेलंगाना से 2, त्रिपुरा से 2 तथा मिजोरम से 2 हैं। इनमें से अनुकंपा के आधार पर 19 महिला सिपाही शामिल हैं।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर ट्राफी लेने वालों में हरियाणा की टीना सांगवान शामिल
मुख्यातिथि द्वारा विभिन्न गतिविधियां में सर्वश्रेष्ठ कांस्टेबल मुस्कान यादव, हरियाणा के भिवानी जिला की कांस्टेबल टीना सांगवान, कांस्टेबल रमनजीत कौर, कांस्टेबल नेहा कुमारी, कांस्टेबल निकिता बिष्ट और अनुकंपा आधार पर भर्ती कांस्टेबल मनीषा को ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। अंत में ब्रिगेडियर जीएस गिल उपमहानिरीक्षक ने धन्यवाद किया।
जांबाज टीम बाइकर्स के प्रदर्शन ने पाई खूब वाहवाही
परेड के बाद जांबाज टीम बाइकर्स के प्रदर्शन ने खूब वाहवाही पाई। यह जांबाज टीम गणतंत्र दिवस परेड तथा कई अन्य अवसरों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है। इससे पहले पाइप बैंड द्वारा मधुर धुनों को प्रस्तुत किया गया। आइटीबीपी का यह बैंड राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में विजेता रहा है। इसके बाद आत्मरक्षा के लिए हिमवीर एवं हिमवीरांगनाओं द्वारा युद्ध कला का प्रदर्शन किया गया। भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में जूडो, करांटे आदि कई युद्ध कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके बाद हाउस क्लियरिंग ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए इस ड्रिल का इस्तेमाल उसे समय किया जाता है जब कोई आतंकवादी किसी घर में छुपा हो या लोगों को बंदी बना रखा हो।