चंडीगढ़ - मानसिक स्वास्थ्य हमारे लिए कितना जरूरी है इस मुद्दे पर लोग खुल कर बात करने लगे हैं। लेकिन अगर बात राजनीति, बॉलीवुड या क्रिकेट की हो, तो कोई भी अपनी राय देने में हिचकिचाता नहीं है। पूरे दिन देसी माइक्रोब्लॉगिंग Koo App पर लोगों ने #MentalHealthZarooriHai हैशटैग का इस्तेमाल कर धड़ल्ले से अपनी राय और सुझाव शेयर किए। यह हैशटैग पूरे दिन ट्रेंड करता रहा। लोगों ने विश्व मानसिक दिवस के खास मौके पर अपने विचार और इससे बचने के तरीकों पर खुलकर राय रखी।
देसी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, फोर्टिस हेल्थकेयर के साथ एक मुहिम चलाई, जिसमें तमाम बड़े राजनेताओं, खिलाड़ियों, आध्यात्मिक गुरुओं और बॉलीवुड जगत के जाने-माने लोगों ने अपने सुझाव, सलाह और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सीक्रेट्स लोगों के साथ शेयर किए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "चिंता का निदान कर्म है, कर्म करते जाइए, अवसाद स्वयं ही आपसे दूर रहेगा। सबसे प्रेम कीजिए, सबका सहयोग कीजिए, स्वयं भी मुस्कुराइए और दूसरों को भी यह अमूल्य उपहार दीजिए। आनंद का विस्तार कीजिए और विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के ध्येय की प्राप्ति में योगदान दीजिए
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने लिखा कि, "कोरोना के बीच मानसिक तनाव से खुद को और अपने परिजनों को दूर रखें। तनाव दूर करने के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 080-46110007 पर कॉल करें।
प्रसिद्ध आध्यात्मिक सद्गुरु ने लिखा कि, "जब आपको अपने अनुभवों का ज्ञान होता है, तब ही आप अपने जीवन को अपनी इच्छानुसार बना सकते हैं। आप आंतरिक भलाई को जान सकते हैं, यह आपका जन्मसिद्ध अधिकार है।
श्री श्री रविशंकर ने लिखा कि, "जब हमारे प्राण या जीवन शक्ति में उतार-चढ़ाव होते हैं, तो हमारा मन भी भावनाओं के रोलर कोस्टर के माध्यम से ऊपर और नीचे जाता है।"
इनके अलावा अन्य राजनेताओं ने भी इस मुहिम में हिस्सा लिया और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरुक किया। इन बड़े नेताओं में आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव, राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई, पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, यूपी के वित मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, अन्नपूर्णा देवी और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा पदाधिकारी डॉ. गुलरेज शेख समेत ने भी मेंटल हेल्थ डे पर अपने विचार लिखे।
Koo App पर चलाई जा रही इस मुहिम में कई खेल जगत और फिल्मी सितारों ने भी अपनी बात खुल कर सामने रखी। क्रिकेटर इशान पोरेल समेत बॉलीवुड से डेलनाज़ ईरानी, अखिलेन्द्र मिश्र, अनिरुद्ध देव, रश्मी पित्रे और सुजैन बर्नर्ट ने अपने विचार साझा किए।
अभिनेत्री लारा दत्ता ने लिखा कि "ऐसी दुनिया में, जहाँ लगातार चुनौतियों और परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, हमारे युवा तेजी से अभिभूत और थका हुआ महसूस करते हैं। एक मजबूत ढांचा बनाना है, जिससे हम सहायता और मार्गदर्शन से लोगों को सामान्य कर पाए।
क्रिकेट जगत से आकाश चोपड़ा ने कहा कि, "मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए आप क्या करते हैं? आप दौड़ते हैं? या कुछ पढ़ते हैं? या आप ध्यान करते हैं? मेरे क्रिकेट क्विज़ के विपरीत, इसका कोई सही उत्तर नहीं है।
World Mental Health Day के मौके पर Koo App फोर्टिस मेंटल हेल्थ हॉस्पिटल के साथ मिलकर यह अभियान चला रहा है। इस अभियान पर फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, फोर्टिस हेल्थकेयर के मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. समीर पारेख ने बताया कि, "मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। आप यह तभी कर सकते हैं जब आप मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानेंगे और जागरूक होंगे। तभी आप एक ऐसा वातावरण बना पाएँगे, जहाँ लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करेंगे। फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कू पर यह भी बताया कि मेंटल हेल्थ डे के मौके पर कू ऐप और फोर्टिस नेशनल मेंटल हेल्थ केयर ने मिलकर यह अभियान चलाया है और साथ में हैशटैग्स भी कू किए।
Koo के स्पोक्सपर्सन का कहना है, "Koo पर चली जा रही यह मुहीम एक हमारा छोटा-सा कदम है और हम खुश है कि ना सिर्फ आम लोग बल्कि कई बड़े और दिग्गज लोगों ने इस मुहीम में हमें अपना साथ दिया, जिस वजह से आज हम लोगों तक उनकी अपनी भाषाओं में इस पूरी मुहीम के साथ उन्हें जागरूक करने में सफल हो पाएं। यह एक कोशिश ना सिर्फ लोगों को भारतीय भाषाओं में अपनी बात रखने का मौका देगी बल्कि उनकी अपनी जिंदगी में एक अवसर के रूप में बदलाव भी देखा जा सकता हैं। और हम यह मानते हैं किस सोशल मीडिया एक नया रूप और तरीका है लाखों लोगों तक पहुँचने और उनकी जिंदगियों में एक नया रंग भरने का।"
मेंटल हेल्थ हमारे जीवन में बहुत अहमियत रखता है, फिर भी ज्यादातर लोग इसकी अनदेखी करते हैं। मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजायटी से लेकर हिस्टिरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी कई मानसिक बीमारियां हैं जो पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही हैं। कोरोना के इस दौर में तो सोशल डिस्टेंसिंग, आइसोलेशन के कारण ये समस्याएं और भी बढ़ गई हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाना काफी जरूरी हो गया है। इस गंभीर विषय पर लोगों का ध्यान खींचने के लिए ही पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य जीवनशैली में बदलाव करना है। आज के जमाने में अपने आप में उलझे रहना और समाजिक जीवन से दूर रहना चिंता और तनाव का कारण बनते जा रहे हैं। आगे जाकर यही डिप्रेशन, मानसिक बीमारियों की वजह बनता है। दुनिया में बहुत से लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, एंजायटी, आत्महीनता जैसी कई समस्याओं और बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी तरह की मानसिक दिक्कतों को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के मकसद से वर्ल्ड मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।