मुंबई - घरेलू सरजमीं पर पिछले दो वर्षों में दबदबे वाला प्रदर्शन करने के भारतीय खिलाडिय़ों को 2018 में विदेशी परिस्थितियों की चुनौती का सामना करना होगा और मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि अगले 18 महीने इस भारतीय क्रिकेट टीम की दशा और दिशा तय करेंगे। शास्त्री ने कहा कि टीम इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरों में उसे किस तरह की चुनौती का सामना करना है।
मुख्य कोच ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से टीम में बहुत अधिक बदलाव नहीं हुए हैं और इससे खिलाडिय़ों को आगे की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।
शास्त्री ने टीम की दक्षिण अफ्रीका रवानगी से पहले कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले चार पांच वर्षों से साथ में हैं और यह तय है कि यह अनुभव उनके काफी काम आएगा। परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होंगी, लेकिन जैसे मैंने पहले कहा था कि अगला डेढ़ साल इस भारतीय क्रिकेट टीम की दशा और दिशा तय करेगा और पूरी टीम इससे अच्छी तरह वाकिफ है।
उन्होंने कहा कि हमें आगे दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में मैच खेलने हैं और मैं अभी यही कह सकता हूं कि 18 महीने के बाद यह बेहतर क्रिकेट टीम होगी। भारत ने हाल में समाप्त हुई शृंखला में श्रीलंका को हराया। इससे पहले उसने घरेलू सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश को पराजित किया। विदेशी दौरों के दौरान भारतीय बल्लेबाजों की तेज और उछाल लेती पिचों पर खेलने की क्षमता चर्चा का विषय रहता है और शास्त्री ने कहा कि भारतीय तेज गेंदबाजों के पास भी अच्छा मौका है।
उन्होंने कहा कि अगर यह हमारे बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होने जा रहा है तो हमारा काम उनके बल्लेबाजों को भी मुश्किल में डालना है। मुख्य कोच ने इसके साथ ही खिलाडिय़ों से चुनौती का सामना करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण होगा। हम सभी जानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका का दौरान कितना कठिन होता है, लेकिन इस पेशे का यह सुंदर पक्ष है। चुनौती का डटकर सामना करने के लिए हम तैयार है।