पंचकूला, 16 मई, 2025 - हरियाणा में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (HSIIDC) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता उद्यमियों और व्यवसायियों द्वारा खरीदे गए औद्योगिक प्लॉट्स के वित्तपोषण को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
यह एमओयू सुशील सरवान, आईएएस, प्रबंध निदेशक, एचएसआईआईडीसी और अरविंद कुमार, जोनल हेड, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस सहयोग का उद्देश्य हरियाणा के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को मजबूत आधार प्रदान करना है, जिससे एचएसआईआईडीसी प्लॉट आवंटियों को वित्त तक सरल पहुँच सुनिश्चित हो सके और उनके उद्यमों की स्थापना में तेजी लाई जा सके। इसका व्यापक उद्देश्य विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की इकाइयों की स्थापना के लिए समग्र वित्तीय समाधान प्रदान करना है।
एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक सुशील सरवान, आईएएस ने कहा, “सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ हुआ यह एमओयू औद्योगिक इकाइयों और प्लॉट्स के लिए फंडिंग को विशेष रूप से एमएसएमई के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक नया अध्याय है। एमएसएमई हरियाणा के औद्योगिक परिदृश्य को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यह पहल विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में एमएसएमई के वित्तपोषण के नए द्वार खोलेगी, उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान देगी।”
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के जोनल हेड अरविंद कुमार ने इस साझेदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा, “हमारे बैंक ने एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु विशेष उत्पाद ‘सेंट एचएसआईआईडीसी’ लॉन्च किया है। हम एचएसआईआईडीसी के साथ मिलकर हरियाणा में एक सशक्त उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए गर्वित हैं। अपने वित्तीय और व्यावसायिक विकास विशेषज्ञता को साझा करते हुए, हमें विश्वास है कि यह पहल युवाओं को टिकाऊ उद्यम स्थापित करने हेतु सशक्त बनाएगी।”
एचएसआईआईडीसी, जो हरियाणा सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली निगम है और 1967 में स्थापित हुई थी, राज्य में औद्योगिक अवसंरचना के विकास हेतु प्रमुख एजेंसी के रूप में कार्य करती है। एचएसआईआईडीसी ने हरियाणा में 30 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया है, जो 30,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले हुए हैं और अब जीवंत औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं। औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय एवं संस्थागत प्रयोजनों हेतु प्लॉट्स का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से किया जाता है।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देश के सबसे पुराने और विश्वसनीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है, जो समाज के सभी वर्गों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और समावेशी विकास पर केंद्रित है। अपनी विरासत और देशव्यापी उपस्थिति के साथ, यह बैंक एमएसएमई उद्यमियों के व्यावसायिक लक्ष्यों को पूरा करने हेतु अनुकूलित वित्तीय उत्पाद प्रदान करने के लिए सुसज्जित है। इस एमओयू के माध्यम से, बैंक जमीनी स्तर के उद्यमों को समय पर और सुलभ ऋण उपलब्ध कराकर आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।