मुंबई 11 फरवरी - सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) ने धोखाधड़ी गतिविधियों और शेयर मूल्य में हेरफेर के आरोपों के बाद हिमाचल प्रदेश स्थित एलएस इंडस्ट्रीज, इसके प्रवर्तक प्रोफाउंड फाइनेंस और चार अन्य को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। आदेश में बाजार नियामक ने दुबई स्थित एनआरआई सार्वजनिक शेयरधारक जहांगीर पनिक्कावेटिल पेरुम्बरम्बाथु (जेपीपी) को शेयरों की बिक्री से 1.14 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी योजना के तहत जब्त करने का भी निर्देश दिया है।
सेबी ने सुरेश गोयल, अलका साहनी, शशिकांत साहनी एचयूएफ और जेपीपी को भी अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है। नियामक ने संस्थाओं को सभी प्रासंगिक जानकारी प्रस्तुत करके सेबी की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। यह मामला एलएस इंडस्ट्रीज से संबंधित है और इसके प्रमुख सहयोगी नगण्य राजस्व और वित्तीय अस्थिरता के बावजूद कंपनी के शेयर मूल्य को कृत्रिम रूप से बढ़ाने में शामिल थे।
मंगलवार को पारित अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा कि बीएसई में सूचीबद्ध इकाई एलएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एलएसआईएल) और उसके प्रवर्तक ने एक योजना तैयार की, जिसमें कंपनी के पूर्व निदेशक सुएट मेंग चाई ने शुरुआत में कंपनी की 12.12 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ एक डॉलर में जेपीपी को हस्तांतरित कर दी। इसके बाद, मल्टीप्लायर शेयर एंड स्टॉक एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेतु सिक्योरिटीज, परेश धीरजलाल शाह और रुचिरा गोयल जैसी संस्थाएं कंपनी के शेयरों में तेज उछाल और गिरावट लाने में शामिल रहीं।
इसके अलावा, एलएस इंडस्ट्रीज द्वारा की गई सभी सकारात्मक घोषणाओं के विपरीत, जब पिछले साल 27 सितंबर को शेयर 267.50 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, तो जेपीपी ने अपने कुछ शेयरों को उच्चतम मूल्य पर बेच दिया था।