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प्रभु परमात्मा से जुड़ कर भक्ति का विस्तार संभव -माता सुदीक्षा जी

Updated on Thursday, December 19, 2024 09:29 AM IST

संगरुर, 18 दिसम्बर: संगरुर की पुरानी कैमिकल फैक्टरी के ग्रांऊड में हुए विशाल निरंकारी समागम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने फरमाया कि यह जो इंसानी जीवन मिला है इसका मूल उद्देश्य है परमात्मा की जानकारी प्राप्त करना। हम अक्सर सुनते है कि प्रभु परमात्मा एक है, इस एक परमात्मा की जानकारी जो पूरे सतगुरु से हासिल कर लेता है उस पर संसार की उत्थल पुत्थल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

वह इंसान हमेशा प्रभु के भाने में रहता है, किसी भी कमी का निरंकार परमात्मा को दोष नहीं देता। हर एक के साथ प्रेम, प्यार, सत्कार, निर्मता, सहनशीलता, मिलवर्तन, भाईचारे बनाकर रखता है। सतगुरु माता जी ने संगरुर शहर के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि संग किसका करना है भाव संग नूर का करना है या संग गरुर का करना है। यह सोचना है कि संग परमात्मा का करना है या अहंकार में ही रहना है। इस तरह के गरुर वाला जीवन परमात्मा को पसंद नहीं है।

हमने परमात्मा के साथ तो प्यार करना ही है बल्कि परमात्मा द्वारा बनाए गए इंसानों के साथ भी प्यार करना है किसी के साथ नफरत के भाव नहीं रखने। कई बार कोई हमारे से बड़ी गलती हो जाती है तो हम चाहते है कि दूसरा इंसान उस गलती को नजर अंदाज कर दे बल्कि हमें भी दूसरे की गलती को माफ करने का जजबा रखना है। कभी कोई शिकवा नहीं करना बल्कि हमेशा परमात्मा का शुक्राना ही करना है।

इससे पहले सत्कारायोग निरंकारी राजपिता रमित जी ने भी अपने प्रवचनों में कहा कि जिसको इस परमात्मा की जानकारी हो जाती है उसका जीवन मुबारक हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह फूलों का स्वभाव है हरेक को खुशबू देना उसी तरह भगत का स्वभाव है सभी के साथ प्रेम करना तथा प्यार की महक को फैलाना। सतगुरु हमारी सीमत सी हस्ती को असीम के साथ जोड़ कर हमारी सीमत हस्ती का असीम निरंकार से जोड़ कर विस्तार कर देते है।

इस मौके संगरुर के जोनल इंचार्ज डा. बी.वी. लूथरा ने संगतों की तरफ से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज तथा सत्कारयोगय राजपिता रमित जी का यहां पहुंचने पर स्वागत  किया तथा शुक्राना किया। इसके अतिरिक्त संगरुर ब्रांच के संयोजक डा. के.सी. गोयल ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समूह स्थानीय संयोजकों, मुखीयों व सेवादल के  अधिकारियों व सदस्यों के अतिरिक्त विभिन्न धार्मिक, समाजिक, व्यापारिक तथा राजनीतिक संस्थाआें से आए हुए गणमान्यों, नगर कौंसल संगरूर, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन आदि सभी सहयोगी सदस्यों का धन्यवाद किया।

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