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श्री मद भागवत कथा और वृन्दावन प्राक्टय उत्सव के छठे दिन भगवान श्री कृष्ण की रास लीला का वर्णन किया

Updated on Saturday, October 12, 2024 22:37 PM IST

समय निकाल कर भगवान की अराधना जरुर करनी चाहिए: इंद्रेश महाराज

चंडीगढ़, 12 अक्टूबर 2024 - श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में सेक्टर 34 के मेला ग्राउंड में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जो 13 अक्टूबर तक चलेगा।

विश्व विख्यात कथा व्यास परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने छठे दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का वर्णन किया। कथा में वृंदावन का वर्णन करते हुए श्री राधा कृष्णा की अद्भुत लीलाओं का बखान किया। उन्होंने बताया कि रासलीला में भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों का रासलीला निश्चल प्रेम का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि रासलीला में श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी अन्य पुरुष का वहां जाना निषेध था।


उन्होंने यह भी बताया कि रासलीला में भगवान शिव ने महिला के वेश में रास के दर्शन किए थे। रासलीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है। रासलीला में व्यास ने कहा कि जब कभी जीव में अभिमान आता है, तो भगवान उनसे दूर हो जाता है। रासलीला में बताया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती। रासलीला में यह भी समझाया गया है कि धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है, तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है।

उन्होंने कथा में राधा कुंड और कृष्ण कुंड का सुंदर वर्णन किया और साथ ही लाला और किशोरी जी के अमृत रस की तरह बरसने वाली बाल लीलाओं के वर्णन में बताया कि किस तरह किशोरी जी के हाथों से पहली बार मथे गए माखन को वृंदावन के माखन चोर कहलाने वाले छलिया ठाकुर जी ने योजना बना कर बरसाना में एक छोटी सी किशोरी का भेस धारण कर पधारे और किशोरियों के छोटे छोटे हाथो से माखन का पान किया। श्रीकृष्ण जी द्वारा किए गए हर लीला में जन मानस के लिए एक सुंदर संदेश छुपा था।

उन्होंने बताया कि भागवत पुराण हिंदुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्री मद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते है। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है।

 

महाराज जी ने कथा में गोवर्धन धारण की लीला का बखान किया और कहा कि प्रेम संबंध में ईश्वरत्व नही होता, सिर्फ प्रेम होता है।गोवर्धन धारण के समय भी कैसे बृजवासियों ने हरि को भगवान ना मान कर अपना लाला ही माना, तो प्रेम के भाव में सिर्फ प्रेम ही दिखता है, कोई ओहदा नहीं।

उल्लेखनीय है कि इस विशाल भागवत कथा के आयोजक बालीवुड के प्रसिद्ध गायक बी प्राक है और कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात वक्ता संदीप चुग कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कार्यक्रम में पूज्य स्वामी कैलाश नंद गिरि जी महाराज महामंडलेश्वर निरंजन अखाड़ा परिषद, चित्रलेखा, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर सरकार), मनोज मोहन शास्त्री जी, मोहित मुरली जी, गुरुदेव भगवान जी और अनिरुद्धाचार्य सहित जाने माने धार्मिक गुरु पहुंच रहे है।

आज पंजाबी सिंगर जानी भी इंद्रेश महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे |

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