चंडीगढ़, 10 अक्टूबर 2024 - श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में सेक्टर 34 के मेला ग्राउंड में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जो 13 अक्टूबर तक चलेगा।
कथा का चौथा दिन आज हरि के भजनों के साथ धूमधाम से शुरु हुआ। उसके बाद विश्व विख्यात कथा व्यास परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने बताया कि वृंदावन में किसी भी व्यक्ति को मुक्ति नहीं मिलती, बाकी सब जगह मिल जाती है। उन्होंने कहा कि वृंदावन में जन्म लेने वाला सदा वृंदावन में ही जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि वृंदावन में जब भी किसी व्यक्ति के प्राण निकलते है, उसका कोई शोक व्यक्त नहीं करता, क्योंकि उसका जन्म दुबारा यहीं होना है।
उन्होंने कहा कि हमे आन और पैसों की ओर ध्यान कम करना चाहिए। आज की दुनिया छल कपट और धोखेबाजी वाली है। इस कलयुग के समय में राजनीतिक लोगों और राजाओं को झूठ बोलने पर कोई पाप नहीं लगता, इन्हे सब कुछ माफ़
होता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के लोग बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में पहुंच रहे है, उनमें भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि आज भी लोग भारी संख्या में आए और राधा कृष्ण के भजनों पर थिरके।
इंद्रेश महाराज ने बताया कि गैर जिम्मेदार व्यक्ति को कभी कोई जिम्मेदारी नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे राम के घर पर मंथरा रहती थी। रावण के घर विभीषन रहता था लेकिन उसमें कोई अभिमान नहीं था। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कथा में आता है, ठाकुर उसी पर हमेशा प्रसन्न होते है और अपनी कृपा बनाए रखते है। आपके माथे पर तिलक भी उन्हीं की आज्ञा से लगता है। उन्होंने कहा कि जो लोग ठाकुर को मानते है, जब उनके प्राण निकलते है, तो उन्हें ठाकुर जी के दर्शन जरुर होते है।
आज के दिन मटकी फोड़ने का कार्यक्रम भी किया गया। आज सभी लोग पीले वस्त्र पहन कर और अपने घर से मीठा लेकर आए थे, जो उन्होनें ठाकुर जी और राधा रानी को अर्पण किया। आज का दिन बहुत आनंदमई रहा।
इस अवसर पर गायक बी प्राक ने बताया कि इस भागवत कथा को सुनने चंडीगढ़ के हजारों लोग आ रहे है। मैं सभी का धन्यवाद करता हूं। उन्होनें कहा कि वह कोशिश करेंगे कि चंडीगढ़ में ही हर साल ऐसा कार्यक्रम कराएं। उन्होंने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं, जो मुझे इस कार्यक्रम का आयोजन करने और महान संत महात्माओ की सेवा करने का मौका मिला है।
उन्होने कहा कि कार्यक्रम में
पूज्य स्वामी कैलाश नंद गिरि जी महाराज महामंडलेश्वर निरंजन अखाड़ा परिषद, चित्रलेखा, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर सरकार), मनोज मोहन शास्त्री जी, मोहित मुरली जी, गुरुदेव भगवान जी और अनिरुद्धाचार्य सहित जाने माने धार्मिक गुरु पहुंच रहे है।