शिक्षाविदों ने नई शिक्षा नीति के लिए सूर्या भारती की पुस्तकों पर किया मंथन
‘‘एक कक्षा-एक किताब ऑल-इन-वन’ का फार्मूला लागू करने पर जोर
गुडग़ांव। समाज के प्रत्येक वर्ग तक शिक्षा को सुलभ तरीके से पहुंचाने के उद्देश्य के साथ सूर्या फाउंडेशन द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर मंथन के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सूर्या फाउंडेशन के चेयरमैन पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि बच्चों के बस्ते का बोझ और मानसिक तनाव कम किया जाए। फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे ‘‘शिक्षा थिंक टैंक’’ के माध्यम से सभी विषयों को समेकित कर ‘‘एक कक्षा-एक किताब ऑल-इन-वन’’, सूर्य भारती पुस्तकें बनाई गई हैं।
प्रो.एच.एल शर्मा की अगुवाई में देश के जाने-माने शिक्षाविदों प्रो.चंद्रभूषण, गंगादत्त शर्मा,प्रभाकर द्विवेदी,शांति स्वरूप रस्तोगी,टी.आर. गुप्ता, डॉ.गुज्जरमल वर्मा, प्रो.डी.पी. नय्यर जैसे अनेक विषय विशेषज्ञों ने कई वर्षों की मेहनत करके ये पुस्तकें बनाई। इन पुस्तकों में शिक्षण की सभी बातों का ध्यान रखा गया है। खेल-खेल में पढ़ाई कैसे कराई जा सकती है, इस विषय पर विशेष बल दिया गया है।
प्रो. एच.एल शर्मा ने कहा कि भारत की महान परंपरा व संस्कृति का परिचय, कहानी, योग, पहेली और ढेर सारे चित्रों को पुस्तकों में स्थान दिया गया है। संस्कारों के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी प्रेरित किया गया है। पुस्तकों में सीखने के न्यूनतम स्तर का ध्यान रखते हुए पाठों की रचना की गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्देशानुसार इन पुस्तकों में सभी विषयों का इंटीग्रेशन किया गया है। ये पुस्तकें 18 राज्यों में 80 से अधिक विद्यालयों, 400 से अधिक संस्कार केन्द्रों व एकल विद्यालयों एवं 10 से अधिक अन्य समाजसेवी शिक्षा केन्द्रों में पढ़ाई जा रही हैं। विद्या भारती, सेवा भारती, समर्थ शिक्षा समिति, सनातन धर्म शिक्षा समिति, डी.ए.वी. शिक्षा समिति आदि की ओर से सूर्य भारती पुस्तकों के विषय में प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं, जो इन पुस्तकों की गुणवत्ता और उपयोगिता साबित करते हैं।