भारत के बहुत से पंचागांे में 5 जून के इस चंद्र ग्रहण का उल्लेख ही नहीं किया गया है क्योंकि यह उपच्छाया ग्रहण होगा और अफ्रीका, आस्ट्र्ेलिया , युरोप में ही अधिक दिखेगा। इसी लिए ज्योतिषियों के एक वर्ग ने सूतक काल को विशेष महत्व नहीं दिया है और न ही इसके प्रभाव को और किसी खास सावधानी बरतने को। चूंकि ग्रहण रात में है, लॉकडाउन के कारण मंदिर अभी खुले नहीं हैं, अतः यह ग्रहण सोते समय ही निकल जाएगा। अतः भारत के वासियों को अधिक चिंता की आवश्यकता नहीं है। फिर भी इस ग्रहण की हम पूरी जानकारी दे रहे हैं।