Hindi English Thursday, 09 May 2024
BREAKING
मतदाता जागरूकता वॉकथॉन में सैंकड़ों खिलाड़ी, विद्यार्थी और संस्थाओं के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत: सचिन गुप्ता उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध पंचकूला स्थित जैनेंद्र गुरुकुल स्कूल में मनाया गया ’विश्व थैलेसीमिया दिवस’ फोर्टिस मोहाली ने खेल-संबंधी टखने और पैर के लिगामेंट की चोटों के इलाज में क्रांति ला दी है एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब का कैरियर मार्गदर्शन और प्लेसमेंट सेल ड्रोन प्रौद्योगिकी कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाता है उपायुक्त डा. यश गर्ग ने किया शिशुगृह का दौरा दिव्यांग विद्यार्थियों ने की योग उत्सव में भागीदारी जिला न्यायालय पंचकूला और उपमंडल स्तरीय न्यायालय कालका में 11 मई को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन लोकसभा आम चुनाव-2024 के लिए अंतिम मतदाता सूची का हुआ प्रकाशन अस्थमा के लक्षणों को जल्दी पहचानने से फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य और अस्थमा के गंभीर हमलों को रोकने में मदद मिल सकती है: डॉ. मोहित कौशल

एजुकेशन

More News

चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनकर संवारें अपना कॅरियर

Updated on Wednesday, January 02, 2013 12:45 PM IST

   किसी भी व्यावसायिक संगठन में आर्थिक या वित्तीय प्रबंधन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका
   होती है। इसके अभाव में संगठन के कार्यों का उचित प्रबंधन तो दूर, ठीक तरह से इसका
   चल पाना भी कठिन है। कंपनियों में आर्थिक प्रबंधन की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी चार्टर्ड
   अकाउंटेंट निभाता है। वह कंपनी के आर्थिक क्रिया कलापों से जु़डे सभी मामलों में, जैसे
   टैक्स से संबंधित मामलों, बही खातों के मेंटिनेंस एवं उनके ऑडिट एवं वित्तीय नियम कानूनों
   के प्रति सहज रहकर अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। सीधे शब्दों में कहें तो
   चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक आकर्षक आय वाला प्रभावशाली पेशा है, जिसमें अकाउंटिंग, ऑडिटिंग,
   टेक्सेशन, कार्पोरेट फाइनेंस, कार्पोरेट लॉ, प्रोजेक्ट मूल्यांकन इत्यादि सम्मिलित
   हैं। संपूर्ण विश्व में बढ़ती कॉर्पोरेट गतिविधियों को देखते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट
   (सीए) की माँग बहुत बढ़ गई है। भारत में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के आ जाने से सीए प्रोफेशनलों
   के तो वारे न्योर हो गए हैं।
   

   गौरतलब है कि न केवल वाणिज्य संकाय वाले विद्यार्थी अपितु अन्य संकाय वाले प्रतिभाशाली
   एवं मेहनती विद्यार्थी भी सी.ए. बन सकते सकते हैं। सीए बनने के तीन चरण हैं। कॉमन प्रोफीसिएंसी
   टेस्ट (सीपीटी), इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स (आइपीसीसी) और फायनल। सीए
   में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं की गणित विषय पर बहुत अच्छी पकड़ होनी आवश्यक है।
   उसमें निर्णय लेने की अभूतपूर्व क्षमता, रीजनिंग में निपुणता, विश्लेषण की क्षमता,
   पूर्वानुमान लगाने की कला व क्लाइंट व कर्मचारियों के साथ डील करने के गुण भी होने
   चाहिए।
   

   देश में संसद द्वारा बनाए गए कानून के तहत 1949 में द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स
   ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की स्थापना की गई। सीए एक सर्टिफिकेट कोर्स है जो आईसीएआई द्वारा
   कराया जाता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इसी संस्थान में
   रजिस्ट्रेशन कराना होता है। हाल ही में सीए का नया पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इसमें
   सीए के पाठ्यक्रम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि न केवल छात्र इस कोर्स को पूरा कर
   एक विश्व स्तरीय फाइनेंस प्रोफेशनल बन सकें, बल्कि कोर्स की समयावधि में भी कमी लाने
   का सार्थक प्रयास किया गया है। सीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के बाद पूरा पाठ्यक्रम
   चार वर्षों में पूरा किया जा सकता है। सीए के नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को थ्योरी
   के साथ आवश्यक प्रेक्टिकल ट्रेनिंग का भी प्रावधान है।
   

   सीए बनाने हेतु दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट (सीपीटी)
   के लिए आईसीएआई के बोर्ड ऑफ स्टडीज में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके साथ-साथ अपनी
   स्कूली शिक्षा भी जारी रखनी होती है। इसके बाद सीपीटी परीक्षा में शामिल हुआ जा सकता
   है। गौरतलब है कि सीपीटी परीक्षा कोई बहुत कठिन परीक्षा नहीं है। नवंबर 2011 में आयोजित
   सीपीटी परीक्षा के परिणाम 18 जनवरी, 2012 को जारी किए गए हैं। इन परिणामों के तहत इस
   परीक्षा में बैठे कुल छात्रों में से लगभग 35 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
   12वीं और सीपीटी उत्तीर्ण करने के बाद सा़ढ़े तीन वर्ष की प्रैँटिकल ट्रेनिंग, इंटीग्रेटेड
   प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स (आईपीसीसी) और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग कोर्स में
   रजिस्ट्रेशन कराना होता है। सौ घंटे की इफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग पूरी करने के
   बाद आप आईपीसीसी की प्रवेश परीक्षा के हकदार हो जाएँगे। इसके साथ ही आईपीसीसी में प्रवेश
   हेतु 18 महीने की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी आवश्यक है। इसके बाद आपको जनरल मैनेजमेंट
   एंड कम्युनिकेशन स्किल कोर्स में दाखिला लेना होगा। आईपीसीसी में तीन पेपर्स के दो
   ग्रुप होते हैं। इसे उत्तीर्ण करने और सा़ढ़े तीन साल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पूरी
   करने के बाद आप फायनल परीक्षा में प्रवेश के अधिकारी हो जाएँगे। फायनल परीक्षा में
   चार-चार पेपर्स के दो ग्रुप होते हैं। इनमें सफलता हासिल करने और आईसीएआई में मेंबर
   के रूप में रजिस्ट्रेशन करा लेने के उपरांत आप सीए के रूप में कार्य करने के अधिकारी
   बन जाएँगे। चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के इच्छुक वे युवा जो स्नातक करने के उपरांत चार्टर्ड
   अकाउंटेंट बनना चाहते हैं, उनके लिए द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया
   ने हाल ही में यह निर्णय लिया है कि वे स्नातक के उपरांत आईपीसीसी हेतु रजिस्ट्रेशन
   करा सकेंगे। अभी तक कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट यानी सीपीटी के बाद ही आईपीसीसी के लिए
   रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता था, लेकिन अब कॉमर्स व अन्य विषय समूह के स्नातक छात्र बिना
   सीपीटी दिए भी आईपीसीसी हेतु रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इसके लिए कॉमर्स स्नातक को 55
   प्रतिशत तथा अन्य विषयों से स्नातक को स्नातक परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना
   जरूरी होंगे।
   

   ऐसे छात्र जिनकी अकाउंट्स एवं ऑडिट कार्यों में रुचि हो, इस क्षेत्र में एक सफल कॅरियर
   बना सकते हैं। यूँ तो चार्टर्ड अकाउंटेंट पद के साथ जु़डे पॉवर, प्रतिष्ठा और कमाई
   की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए पहले से ही बड़ी संख्या में युवा इसे अपना कॅरियर
   बनाने की कामना रखते हैं, परंतु वैश्वीकरण के कारण विगत कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था
   में आए मूलभूत परिवर्तनों के कारण इस कॅरियर की लोकप्रियता आज आकाश को छू रही है। समय
   के साथ सीए के कार्यक्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। आज किसी भी कंपनी में सीए को सम्पूर्ण
   बिजनेस प्रोवाइडर के तौर पर देखा जाने लगा है, अर्थात ऐसा व्यक्ति जो बिजनेस से संबंधित
   सभी समस्याओं का निपटारा करने में सक्षम हो। इतना ही नहीं आईसीएआई द्वारा छात्रों को
   आकर्षित करने के लिए सीए के पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों के कारण भी ऐसा हो रहा है।
   

   एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। इस क्षेत्र में
   रोजगार की कितनी संभावनाएँ हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल भारत
   में ही 80 हजार से भी ज्यादा सीए की माँग है। विभिन्न देशों में 25 हजार से भी ज्यादा
   भारतीय सीए की माँग है। सीए का पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर रोजगार के कई विकल्प खुल जाते
   हैं। कई सरकारी एवं निजी संस्थानों में सीए की नियुक्तियाँ जोर-शोर से होती हैं। सीए
   कोर्स के उपरांत वित्तीय नियंत्रक, वित्तीय मैनेजर, आईटी कंसल्टेंट, टेक्स कंसल्टेंट,
   आदि पदों पर रोजगार की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। एक बेहतर मैनेजमेंट सलाहकार बनकर आप
   मनचाही आय प्राप्त् कर सकते हैं। बाजार अनुसंधान, बजट बनाना, कार्पोरेट प्लानिंग, आर्गेनाइजेशन
   डेवलपमेंट, सिस्टम एनालिसिस, कार्यशील पूँजी निर्माण, पूँजी मामलों के सलाहकार, सिक्योरिटीज
   व निवेश सम्बन्धी सलाहकार इत्यादि क्षेत्रों में भी सीए काम करते हैं। सीए कोर्स करने
   के उपरांत आप सरकारी संस्थानों के अतिरिक्त प्रायवेट एवं कॉर्पोरेट सेक्टर में भी बड़ी
   आसानी से नौकरी प्राप्त् कर सकते हैं। आईसीएआई ने अब देश के विभिन्न शहरों में कैम्पस
   प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की है। वैसे सीए की प़ढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों के लिए
   नौकरी करना कोई बाध्यता नहीं है। आधिकारिक रूप से सीए बनने के बाद स्वतंत्र प्रैक्टिस
   की शुरुआत भी की जा सकती है।
   

   इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया का हेड ऑफिस एवं मध्यप्रदेश में इसकी
   शाखाएँ जहाँ से इस कोर्स हेतु रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, इस प्रकार हैं-
   
      हेड ऑफिस
   
      द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, आईसीएआई भवन, इंद्रप्रस्थ मार्ग,
         नई दिल्ली।
   
   
      मध्यप्रदेश में ब्राँच
   
      द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, इंदौर ब्राँच -101, सिक्का स्कूल
         के पास स्कीम नं. 74, इंदौर।
      द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, भोपाल ब्राँच-148, जोन-2, महाराणा
         प्रताप नगर, भोपाल।

Have something to say? Post your comment
X