नई दिल्ली - मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग द्वारा दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाई गई सीनियर आईएएस अफसर शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। इस बीच कार्यवाहक मुख्य सचिव के पद पर शकुंतला गैमलिंन की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही जंग के बीच रविवार को केंद्र सरकार भी शामिल हो गई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह सक्षम अधिकारी के चरित्र हनन का दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दबाव की राजनीति कर रही है। सुश्री गैमलिंन जो पूर्वोत्तर क्षेत्र से नौकरशाह है, एक अच्छी अधिकारी है। उधर, केजरीवाल ने दावा किया कि गैमलिन ऐसे दस्तावेजों पर साइन करवाना चाहती थीं, जिससे कंपनियों को 11 हजार करोड़ रुपए मिलते। एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक जनसभा ऑटो संवाद में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जब हमारी सरकार बनी थी, वह (गैमलिन) एक पत्र पर हस्ताक्षर कराने हमारे बिजली मंत्री के पास यह कहते हुए आई थीं कि रिलायंस के मालिकाना हक वाली बिजली कंपनियों ने 11 हजार करोड़ रुपए के लोन के लिए आवेदन किया है। वह चाहती थीं कि मंत्री दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दें और कहा कि यह केवल औपचारिकता है।